देवघर(DEOGHAR):बेटा जब बाप के कंधे तक आ जाता है तो परिवार की जिम्मेदारी संभालने के काबिल बन जाता है.परिवार के सुख दुख को समझने लगता है.कुछ ऐसा ही गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है.झारखंड का सबसे हॉट लोकसभा सीट गोड्डा को माना जा रहा है.यहां से बीजेपी और कांग्रेस में सीधा टक्कर है. बीजेपी की तरफ से निशिकांत दुबे और कांग्रेस ने प्रदीप यादव को मैदान में उतारा है.दोनो के द्वारा जनता के बीच जा कर अपने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की जा रही है.एक ओर निशिकांत और दूसरी तरफ प्रदीप इस तपिश वाली गर्मी में भी जनता के बीच जा कर अपना पसीना बहा रहे हैं वही इनके बेटे भी जमकर पसीना बहा रहे हैं.
एक बैंक में कार्यरत तो दूसरा डॉक्टर
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से निशिकांत दुबे 2009 से अभी तक सांसद बने हुए है.अपने बेबाकी और विपक्षी पार्टियों पर प्रहार करने के लिए जाने जाते है.यही वजह है कि बीजेपी ने चौथी बार अपना प्रत्याशी बनाया है.वहीं पिछली बार जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रदीप यादव हार गए थे.इस बार कांग्रेस ने इन्हें उम्मीदवार बनाया है.गोड्डा लोकसभा का परिसीमन की बात करें तो 6 विधानसभा में 3 गोड्डा जिला का 2 देवघर जिला का और 1 विधानसभा दुमका जिला का आता है.क्षेत्र बड़ा होने की वजह से अकेला प्रत्याशी सभी जगह,स्थान,गांव तक जाकर अपने समर्थन में वोट मांगना सम्भव नहीं हो पाता.ऐसे में इस बार दोनो प्रत्याशियों के पुत्र अपने पिता के हाथ को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है.
निशिकांत और प्रदीप यादव के बेटे अपने अपने पिता के पक्ष में लोगों से वोट मांग रहे है
एक तरफ निशिकांत के पुत्र कनिष्कान्त इंग्लैंड में बैंक की नौकरी कर रहा है तो दुसरी तरफ प्रदीप यादव के पुत्र ऋत्विज एक डॉक्टर है.कनिष्कान्त और ऋत्विज अपने अपने पिता के पक्ष में जमकर पसीना बहाते हुए गांव जा जा कर वोट मांग रहे है.दोनो पुत्र द्वारा मुद्दे और विकास की बात कह ग्रामीणों को रिझाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं.अब देखना होगा कि जनता किसको आशीर्वाद देती है.
बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं
गोड्डा लोकसभा का चुनाव अंतिम चरण यानी 1 जून को है.आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.10 मई को प्रत्याशी के रूप में निशिकांत दुबे जबकि 13 मई को कांग्रेस के टिकट पर प्रदीप यादव अपना नामांकन करेंगे.दोनों प्रत्याशी द्वारा नामांकन के दिन अपार भीड़ एकत्रित करने का दावा किया जा रहा है.यानी दोनो प्रत्याशी के नामांकन के दिन जो शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा यदि वो वोट में बदल सकेगा तो गोड्डा लोकसभा का सांसद उसी दिन देखने को मिलेगा.पूरे गोड्डा लोकसभा की नज़र दोनो प्रत्याशी पर टिकी है कि कौन कितना भीड़ जुटा पायेगा.परिणाम तो 4 जून को ही आएगा लेकिन शक्ति प्रदर्शन से चर्चा तो बना रहेगा.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा