धनबाद(DHANBAD): राज्य सरकार और डीवीसी बिजली आपूर्ति और बकाया भुगतान को लेकर हाल फिलहाल में आमने-सामने हुए थे. लेकिन, अब पानी को लेकर भी धनबाद का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और डीवीसी कभी भी आमने-सामने हो सकते हैं और खमियाजा भुगतेगी धनबाद की जनता. डीवीसी ने मैथन जलापूर्ति योजना में पानी फ्लो मीटर लगाने की कोशिश की. नतीजा हुआ कि 4 दिनों तक धनबाद के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते रहे. मंगलवार से शुरू जल संकट शनिवार को जाकर सामान्य हुआ. शनिवार को तो धनबाद के लगभग सभी 19 जल मीनारों से पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है. सवाल उठता है कि 4 दिनों तक बूंद-बूंद पानी को तरसाने के लिए आखिर जिम्मेवार लोग कभी चिन्हित होंगे या नहीं.
डीवीसी आखिर क्यों नहीं कर रहा भरोसा
सवाल यह भी है कि आज तक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पानी फ्लो मीटर पर डीवीसी भरोसा कर रहा था लेकिन अचानक डीवीसी का भरोसा आखिर टूटा क्यों. डीवीसी खुद का फ्लो मीटर लगाने की कोशिश क्यों की. हालांकि डीवीसी का यह प्रयास असफल रहा. फ्लो मीटर डीवीसी नहीं लगा सका.
अलबत्ता, पाइपलाइन को क्षति जरूर पंहुचा दी गई. इस वजह से कम से कम पानी आपूर्ति सामान्य होने में 24 घंटे से अधिक का वक्त लगा. अब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार ने फोन पर The Newspost को बताया कि अब तो हम डीवीसी को अपनी पाइपलाइन छूने तक नहीं देंगे. ऐसे में अगर डीवीसी फिर पानी फ्लो मीटर लगाने की कोशिश करेगा तो विवाद बढ़ेगा और अगर यह विवाद तेज हुआ तो इसका खामियाजा तो धनबाद की जनता को ही भुगतना होगा.
तो क्या बिजली से शुरू होकर पानी तक जाएगा विवाद
पूर्व में बिजली सप्लाई और बकाया को लेकर झारखंड राज्य बिजली निगम और डीवीसी में लंबे समय तक तनातनी रही. यह तब खत्म हुई जब झारखंड सरकार अपने बकाया की सूची डीवीसी को देकर भुगतान की मांग कर डाली. हो सकता है कि डीवीसी इसी खुन्नस का बदला पानी में लेने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन पानी और बिजली रोककर कोई भी विभाग अगर चाहे कि वह चैन से रह लेगा, तो ऐसा होता नहीं. देखना दिलचस्प होगा कि अब आगे-आगे होता क्या है.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद