दुमका(DUMKA): 21वीं सदी में एक तरफ तो हम चांद पर नई दुनियां बसाने की बात करते हैं, मंगल ग्रह पर पानी की तलाश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ मामले ऐसे भी हैं जिसमें हम विज्ञान की बजाय अंध विश्वास पर ज्यादा भरोसा करते हैं. जिसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला है सर्प दंश का, जिसमें हम चिकित्सा विज्ञान से ज्यादा झाड़ फूंक पर करते हैं.
यह है पूरा मामला
सर्प अर्थात सांप का नाम सुनकर इंसान सिहर जाता है, सर्प दंश की बात जानकर प्राण पखेरू उड़ जाता है. ऐसे संवेदनशील मामलों में भी हम चिकित्सा विज्ञान से ज्यादा अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं. ऐसा ही एक मामला दुमका जिला के हंसडीहा थाना के चंपातरी गांव से सामने आया है. शनिवार की सुबह सोकर उठने के बाद दैनिक कार्य के लिए गली में गए आठ साल के रोहित उर्फ आकाश मंडल को जहरीले सांप ने डश लिया. रोहित के पिता बाहर काम करते हैं. घर में नाना और मां थी. रोहित ने घर आकर परिजनों को इसकी जानकारी दी. परिजन रोहित को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूंक करने वाले के पास लेकर गए. तीन घंटे तक झाड़फूंक के बाद जब हालत और बिगड़ गई तो परिजन उसे इलाज के लिए दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल लेकर आए. जहां चिकित्सक ने रोहित को मृत घोषित कर दिया. मौत के बाद परिजन शव को लेकर चले गए.
अगर समय पर आते अस्पताल तो बच सकती थी जान
चिकित्सक का कहना है कि अगर परिजन समय पर अस्पताल लेकर आते तो शायद बालक की जान बच सकती थी. परिजनों की अज्ञानता के कारण बालक की जान चली गई. मौत के बाद मां का रो रोकर बुरा हाल था. मां बेटे के शव को छाती से लगाकर रोती रही. परिजनों का विलाप सुनकर लोगों की आंखें भर गई.
इस वर्ष अब तक 25 लोगों को काट चुका है सांप
दुमका जिला में काफी जंगल झाड़ है. जिसमें कई प्रजाति के सांप का बसेरा है. सर्प दंश के आंकड़ों को देखें तो जिले में जनवरी से लेकर 13 मई तक सांप काटने की करीब 25 घटनाएं हो चुकी है. जिसमें तीन लोगाें की जान गई और बाकी समय पर इलाज होने की वजह से बच गए. सर्प दंश के शिकार हुए व्यक्ति के इलाज के लिए अस्पताल में दवा है. अगर समय रहते मरीज को यहां पर लाया जाता है तो चिकित्सक काफी हद तक जान बचा लेते हैं. जो लोग झांड़फूंक में समय नष्ट कर देते हैं तो उन्हें केवल पछताना ही पड़ता है.
रिपोर्ट: पंचम झा