गिरिडीह(GIRIDIH): वन्यप्राणी के तस्करों ने एक हिरण के बच्चे को गोली मारकर उसके तस्करी का प्रयास किया. तस्करों की गोली हिरण के बच्चे के पांव में लगी. बेजुबान मासूम हिरण दर्द से तड़पता रहा. इतना ही नही पांव में लगी गोली से तड़प कर बेजुबान हिरण का बच्चा गिरिडीह के बगोदर के दोंदलो गांव के एक बंद पड़े खदान में कूद गया. हिरण के बच्चे को कूदते देख कई ग्रामीणों ने देखा. तो काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ खदान के समीप पहुंची.
जहां दर्द से छटपटाता हिरण के बच्चे के आंख से आंसू निकलता देख ग्रामीणों ने घटना की जानकारी दोंदलो गांव के मुखिया तुलसी महतो को दिया. इस दौरान मुखिया भी वहां पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से किसी तरह हिरण के बच्चे को बाहर निकाला. इस दौरान वन विभाग के पदाधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई. तो वन विभाग के पदाधिकारी भी पहुंच कर पशु चिकित्सक से हिरण के बच्चे का प्राथमिक इलाज कराते हुए. बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग भेज दिया.
बगोदर के वनपाल अंशु पांडेय के देखरेख में हिरण के बच्चे को भेजा गया. वैसे यह स्पस्ट नहीं हुआ है बच्चे को गोली किसने मारा, और बगोदर के जंगल में मौजूद हिरण के बच्चे तक वन्य प्राणियों के तस्कर कैसे पहुंच गए. लिहाजा, अब बगोदर पुलिस और वन विभाग दोनों ही मामले की जांच में जुटी हुई है.
