धनबाद(DHANBAD): तो क्या धनबाद के कांग्रेसियों में यह बात घर कर गई है कि अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वालों को ही पुरस्कृत किया जाता है. इसके कई उदाहरण है. धनबाद जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जब संतोष सिंह बने तो उनका भी विरोध किया गया. प्रदेश पर प्रभारी तक का पुतला दहन किया गया. उसके बाद शेख गुड्डू का मामला सामने आया. झारखंड अनुशासन समिति के पदाधिकारी तक पर एक गुट को शह देने का आरोप लगा .बावजूद कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई. नतीजा यह हुआ कि धनबाद के कांग्रेस में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है. सब खुद का कद बढ़ाने के लिए पार्टी लाइन से अलग हटकर काम करने लगे हैं. अगर शुरुआती दिनों में ही प्रदेश स्तर पर अथवा जिला स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाती तो संभव था कि सब कुछ नियंत्रण में होता. लेकिन ऐसा हुआ कुछ नहीं और विवाद बढ़ता जा रहा है. चुनाव सिर पर है. ऐसे में यह विवाद प्रदेश के नेताओं को भी कठघरे में खड़ा करेगा. देखना है मुकदमा तक के ताजा विवाद में प्रदेश नेतृत्व का रुख क्या होता है.
12 सालों से बंद धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय खुलेगा अथवा नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इसको लेकर कांग्रेस में "जुत्तमपैजार" की स्थिति बन गई है. जान मारने तक की धमकी देने की शिकायत पुलिस से की गई है.मामले को congress VS intuc की लड़ाई का स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है.अब तो "आमने सामने" की लड़ाई की स्थिति उत्पन्न हो गई है. 21 अगस्त को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन की घोषणा की गई है. यह घोषणा चिरकुंडा के कांग्रेस नेता सुरेश चंद्र झा ने की है. यह बात मीडिया में पहले से ही आ रही है. लेकिन शुक्रवार को धनबाद जिला कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने सुरेश चंद्र झा के साथ गाली गलौज की. उन्हें जान मारने की धमकी दी. संतोष सिंह ने कहा कि देखते हैं कि कैसे तुम रांची पहुंचते हो .यह सब बातें चिरकुंडा थाना में दर्ज f.i.r. में लिखी हुई है.
कांग्रेस अध्यक्ष संतोष सिंह ने तमाम कांग्रेसजनों के नाम जारी किया पत्र
शनिवार को धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष सिंह ने तमाम कांग्रेसजनों के नाम एक पत्र जारी कर कहा है कि धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने के लिए झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता लगे हुए हैं. और अब उम्मीद है कि बहुत जल्द ही कार्यालय खुल जाएगा. लेकिन कुछ लोग इस काम में बाधा डाल रहे हैं. सिर्फ व्यवधान डालने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं, कांग्रेस मुख्यालय में धरना प्रदर्शन की घोषणा कर अनुशासनहीनता के रास्ते पर चल रहे हैं.
धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय 12 साल से बंद
जो भी मामला हो लेकिन धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय 12 साल से बंद है. कार्यालय परिसर में सांप विचरण कर रहे हैं. सियार लोट रहे हैं .लगातार कार्यालय को खुलवाने के लिए आंदोलन हुए लेकिन कार्यालय खुला नहीं. कार्यालय खुलवाने के नाम पर खूब राजनीतिक हुई. क्रेडिट लेने की होड़ में यह कार्यालय बंद रहा. नहीं तो क्या वजह है कि झारखंड सरकार में अभी कांग्रेस शामिल है, और तमाम प्रयास के बाद भी कार्यालय खुल नहीं रहा है. इसके पीछे क्रेडिट लेने की होड़ बताई जाती है. धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय कांग्रेस की धरोहर है. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी इस कार्यालय में आ चुकी हैं. इस कार्यालय से निकलकर कई लोग मंत्री बने, मुख्यमंत्री बने, केंद्रीय मंत्री बने बावजूद इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए राजनीति तो होती ही रही है, अब जान मारने की धमकी देने तक बात पहुंच गई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो