धनबाद(DHANBAD): आपस में लड़ झगड़ रहे धनबाद के कांग्रेसी क्या आगे और लड़ेंगे या आलाकमान हस्तक्षेप करेगा. धनबाद की लड़ाई क्या गुल खिलाती है, इसपर लोगों की नजरे टिकी हुई है. सूत्र बताते हैं कि विवाद को लेकर बैठकों का दौर अभी आगे भी चलेगा. गुरुवार को धनबाद में अनुसूचित जाति से जुड़े कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बैठक कर उन्हें हटाने की मांग की तो रांची में जिला अध्यक्ष संतोष सिंह के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष एक हो रहा है, लेकिन धनबाद के कांग्रेसी अपने में ही एक दूसरे की पोल पट्टी खोलने में लगे हुए हैं. गुरुवार को इसके सबूत सामने आए.
धनबाद जिला के वर्तमान अध्यक्ष संतोष सिंह के खिलाफ नारेबाजी
रांची के बापू वाटिका में धनबाद के कांग्रेसी घोड़े के साथ पहुंचे और धनबाद जिला के वर्तमान अध्यक्ष संतोष सिंह के खिलाफ नारेबाजी की. उन्हें हटाने की मांग की. कहा गया कि रांची प्रदर्शन से बात नहीं बनेगी तो दिल्ली के जंतर मंतर तक जायेंगे. यह काम बाघमारा के शेख गुड्डू प्रायोजित था. इसके पीछे दिमाग किसका था, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. यह भी कहा जाता है कि शेख गुड्डू के लोकल कार्यक्रम में अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत राज शामिल होते रहे है.
गुरुवार को बापू वाटिका में घोड़े के साथ अजूबा प्रदर्शन
शेख गुड्डू और संतोष सिंह का विवाद पुराना है .इसके पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में धनबाद में संतोष सिंह का पुतला दहन किया गया था. शेख गुड्डू के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई नेताओं को नसीहत भी दी गई थी. प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद धनबाद जिला के कांग्रेसी नेता सीधे तौर पर इस विवाद से बचते रहे लेकिन गुरुवार को बापू वाटिका में घोड़े के साथ अजूबा प्रदर्शन कर हिदायत को भी चुनौती दी गई. सूत्र बताते हैं कि जिला कांग्रेस के अनुसूचित जाति से जुड़े कांग्रेस नेताओं की भी गुरुवार को धनबाद सर्किट हाउस में बैठक हुई.
धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता आज करेंगे जनसुनवाई
वैसे आज धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता धनबाद पहुंच रहे हैं. आज वह जनसुनवाई करेंगे .महत्वपूर्ण बात है कि आज ही धनबाद लोकसभा समन्वय समिति की बैठक भी होगी. समन्वय समिति की बैठक में 50 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. यह वही लोग हैं, जो धनबाद से जुड़े हुए हैं और प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी या मेंबर हैं .इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा की जाएगी .धनबाद लोकसभा समिति के संयोजक अजय कुमार दुबे बनाए गए हैं. बैठक में वह भी रहेंगे. जलेश्वर महतो भी मौजूद रहेंगे. लेकिन सवाल यह उठता है कि जिस तरह धनबाद में कांग्रेसी उठा पटक कर रहे हैं, इसका असर चुनाव में कहीं ना कहीं तो दिखेगा ही.
आज की बैठक में क्या मांगें उठेंगी
धनबाद में कांग्रेस का एक अच्छा वोट बैंक है. 2019 के चुनाव में ऊपर से टपके कीर्ति आजाद को धनबाद के लोगों ने लगभग साढ़े तीन लाख वोट दिए थे. लेकिन चुनाव हारने के बाद कीर्ति आजाद कभी धनबाद नहीं आए .अलबत्ता कांग्रेस पार्टी छोड़कर फिलहाल वह त्रिमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं .जो भी हो कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हो अथवा प्रदेश अध्यक्ष ,धनबाद में उठ रहे विवाद को कंट्रोल करना उनके लिए अब धीरे-धीरे चुनौती बनती जा रही है. सारे प्रयास व्यर्थ हो गए लेकिन धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय का ताला नहीं खुला. यह एक ऐतिहासिक कार्यालय है. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भी आ चुकी है .लेकिन इस ऐतिहासिक अपने धरोहर को कांग्रेसी नहीं खुलवा पाए. इसमें भी क्रेडिट लेने की राजनीति ही बाधक बनी. जो भी हो देखना दिलचस्प होगा कि आज की बैठक में होता क्या है और किस ढंग से मांगे उठती हैं और कैसे इसका सॉल्यूशन खोजा जाता है.
वैसे धनबाद का यह विवाद झारखंड के प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के लिए कहीं बड़ी चुनौती न बन जाए.लोक सभा चुनाव आने ही वाला है.विवाद में बड़े बड़े नेताओं का नाम घसीटा जा रहा है.इसका सीधा असर चुनाव पर तो पड़ेगा ही,देखना है आगे आगे होता है क्या..
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो