धनबाद(DHANBAD): Janata shramik Sangh is now in full swing, मंगलवार को जनता मजदूर संघ की बैठक में सर्वसम्मति से सूर्यदेव सिंह की पुत्रवधू रागिनी सिंह को संघ का संयुक्त महामंत्री चुन लिया गया. यह सिर्फ एक पदाधिकारी के चुनाव की बात नहीं है, इसका दूरगामी असर कोयलांचल की मजदूर राजनीति पर पड़ेगा. अभी तो सिंह मेन्शन और रघुकुल में टकरा हट चल रही है. हो सकता है कि आगे चलकर यह टकराहट कुंती निवास से भी हो जाये. कुंती निवास में सूर्यदेव सिंह के छोटे बेटे सिद्धार्थ गौतम रहते है. सूर्य देव सिंह निर्मित जनता मजदूर संघ अब तक 3 गुटों में बटा हुआ है. चौथे गुट की भी कोयलांचल प्रतीक्षा कर रहा है.
2006 में हुई थी पहली टूट
सूर्य देव सिंह के निधन के बाद जनता मजदूर संघ पहली बार 2006 में बंटा था. सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह का एक गुट हो गया तो दूसरा गुट उनके भाई बच्चा सिंह का बना. उसके बाद कुंती गट चलता रहा, कुंती और बच्चा गुट में बीच-बीच में टकरा हट भी हुई, कानूनी लड़ाई भी चली. उसके बाद अप्रैल में जनता श्रमिक संघ का गठन हुआ. उसी समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस संगठन का कोई न कोई पावरफुल पद रागिनी सिंह को मिलेगा और वही हुआ भी. उस समय कहा जा रहा था कि जनता मजदूर संघ कुंती गुट से अलग हुए लोग ही जनता श्रमिक संघ में शामिल है और यह संघ जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की देखरेख में चलेगा. मंगलवार को संघ की बैठक हुई और उसमें रागिनी सिंह को संयुक्त महामंत्री बना लिया गया. ऊपर हम चौथे गुट की चर्चा कर रहे थे, कोयलांचल में जो बातें चल रही है, उन के अनुसार रामधीर सिंह की पुत्रवधू आसनी सिंह भी यूनियन बनाने में सक्रिय है. कागजी कार्रवाई चल रही है. अभी हाल ही में रामधीर सिंह की पुत्र वधू ने जनता मजदूर संघ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका आरोप था कि जब वह बीसीसीएल प्रबंधन को चिट्ठी लिखने के लिए लेटर पैड मांगी तो उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में संघ में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है.
1977 में हुआ था जनता मजदूर संघ का गठन
मजदूरों की लड़ाई लड़ने के लिए सूर्यदेव सिंह ने 1977 में जनता मजदूर संघ का गठन किया था. गठन के साथ ही यूनियन आगे बढ़ती गई और उनके जीवन काल में कभी पीछे मुड़कर देखने की जरुरत नहीं पड़ी. लेकिन उनके जाने के बाद टूट का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह अभी भी जारी है और संकेतों के अनुसार आगे भी जारी रहेगा. अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या मामले में उनके दूसरे बेटे संजीव सिंह अभी जेल में है. संजीव सिंह के जेल जाने के बाद जनता मजदूर संघ कुंती गुट की बागडोर सूर्यदेव सिंह के छोटे बेटे सिद्धार्थ गौतम ने संभाला, लेकिन मनमुटाव के बाद संजीव सिंह ने एक नया रास्ता चुना और उन्होंने जनता श्रमिक संघ का पर्दे के पीछे रहकर गठन करवा दिया. वह खुद महामंत्री बन गए. इस यूनियन का गठन 23 अप्रैल को किया गया था. जिसके सभी पदाधिकारी संजीव सिंह के कट्टर समर्थक बताए जाते है. कोयलांचल की मजदूर राजनीति सहित सामान्य राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा, किस रूप में पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल कोयलांचल में विवाद की बात लोग चटकारे के साथ कह - सुन रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो