धनबाद(DHANBAD): कम से कम सिंदरी के लोग 25 अगस्त 2022 के दिन को अभी नहीं भूल पाए होंगे. भूले तो धनबाद के लोग भी नहीं होंगे. इस तिथि को अगर कोई भूल गया है तो वह है धनबाद पुलिस. शहरपुरा में 25 अगस्त 2022 को हिंसक शक्ति शक्ति प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन बहुत आक्रामक था और टारगेटेड भी था. प्रदर्शनकारियों के हमले में भौरा के तत्कालीन प्रभारी हिमांशु कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सिंदरी के थाना प्रभारी, पाथरडीह के प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए थे. f.i.r. भी हुई थी लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी की दिशा में पुलिस की कार्रवाई सुस्त रही. पुलिस आरोपियो पर आखिर क्यों उदारता बरत रही है, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं है.
तीन तीन थानेदार हो गए थे घायल
सिंदरी के शहरपुरा में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था. पुलिस जवानों और अफसरों की वर्दी फाड़ी गई थी. बलियापुर गश्ती पार्टी पर भी हमला हुआ था. दरोगा हमला मामले में टाइगर जयराम महतो के अलावे पूर्व विधायक आनंद महतो के पुत्र बबलू महतो सहित 40 लोगों पर प्राथमिकी हुई थी. इनमें सिर्फ 13 आरोपियों ने इसे गंभीरता से लिया. बाकी निश्चिंत है. बलियापुर थाने में भी 23 पर प्राथमिकी हुई थी. मतलब सिंदरी और बलियापुर दोनों थानों में प्राथमिकी दर्ज हुई थी लेकिन शुरू से ही पुलिस इस मामले में सुस्ती का रूप अख्तियार कर रखा था. इस बीच शनिवार को पता चला कि आरोपियों में से एक, जो सरकारी नौकरी में था , वह इस्तीफा दे दिया है. उसे भय है कि अगर इस मामले में गिरफ्तारी हो जाती है और सजा हुई तो उनके पावना निर्गत होने में परेशानी हो सकती है. इसलिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.
प्रदर्शनकारियों पर था खून सवार
25 अगस्त 2022 को प्रदर्शनकारियों पर खून सवार था. कई चरणों में हमला किए गए, तोड़फोड़ की गई. इस हमले में सबसे अधिक गंभीर रूप से घायल हुए थे भौरा के तत्कालीन प्रभारी हिमांशु कुमार. उन्हें एयर लिफ्ट कर दुर्गापुर से दिल्ली ले जाया गया था. झारखंड सरकार ने भी मदद की. भौरा के लोगों ने मंदिर में महामृत्युंजय का जाप किया तो थानेदार की जान बची. 3-3 थानेदार के घायल होने के बाद भी आरोपियों के प्रति पुलिस का नरम रुख कई सवालों को जन्म देता है. देखना है इस मामले में आगे क्या होता है. अब भी पुलिस की जमीर जगती है या आरोपी पहले की तरह ही निश्चिंत रहते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो