धनबाद(DHANBAD): प्रयागराज में कुंभ स्नान का साइड इफेक्ट रेलवे पर भी पड़ा है. रेलवे की आमदनी घट गई है. यह अलग बात है कि बुधवार को कुंभ स्नान समाप्त हो जाएगा. लेकिन इसका असर आगे भी बना रहेगा. बता दे कि कुंभ स्पेशल ट्रेनों का दबाव जब बढ़ा तो केवल नियमित ट्रेनें ही रद्द नहीं की गई, बल्कि मालगाड़ियों को भी चलाना कम कर दिया गया. नतीजा हुआ कि धनबाद रेल मंडल को नुकसान उठाना पड़ा है. यह अलग बात है नुकसान तो सभी रेल मंडलो को हुआ है. एक अनुमान के अनुसार 10 दिनों में सिर्फ धनबाद रेल मंडल को 200 करोड रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है. बताया जाता है कि हर दिन औसतन 85 करोड रुपए राजस्व हासिल करने वाले धनबाद डिवीजन को प्रतिदिन 20 से 25 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है. बता दें कि नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद पूरे देश से रेलवे ने प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी.
रद्द कर दी गई है 15 प्रमुख ट्रेनें
नियमित ट्रेनों के चलने से कुंभ यात्रियों को परेशानी नहीं हो, इसलिए धनबाद होकर प्रयागराज जाने वाली 15 प्रमुख नियमित ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है. स्पेशल ट्रेनों का दबाव जब रेलवे ट्रैक पर बढ़ा तो मालगाड़ी भी कम कर दी गई. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने मालगाड़ी की जगह मेल एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों को तरजीह दी. नतीजा हुआ कि रेलवे को खुद नुकसान उठाना पड़ा है. धनबाद डिवीजन में हर दिन करीब 150 रैक की लोडिंग होती है. लेकिन 10 दिनों से लोडिंग में 20% तक की गिरावट दर्ज हुई है. खाली मालगाड़ियां पावर हाउस से वापस नहीं लौट पा रही है. हर दिन 150 की जगह 120 से 125 रैक की ढुलाई हो पा रही है. या तो हुई लोडिंग की बात, अब यात्रियों की बात की जाए तो रिजर्वेशन टिकटों के रद्द कराए जाने से भी रेलवे को नुकसान हुआ है.
टिकट रिफंड कराने वालो की भी संख्या बढ़ी है
धनबाद स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर पिछले 10 दिनों से हर दिन औसतन 2 से सवा दो लाख रुपए का टिकट रिफंड हुआ है. ऑनलाइन टिकट वापसी का आंकड़ा इससे कहीं बहुत अधिक है. ट्रेन रद्द होने या ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ होने के कारण यात्रियों ने अपनी यात्रा टाल दी. अनारक्षित टिकट की बिक्री में भी भारी कमी दर्ज की गई है. यह अलग बात है कि मंगलवार तक जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ रहेगी. रेलवे का पूरा ध्यान अभी कुंभ यात्रियों पर है. कुंभ स्नान खत्म होने के बाद मार्च का महीना रेलवे को अपना टारगेट पूरा करने का महत्वपूर्ण महीना होगा. धनबाद रेल मंडल को तो पूरे देश में अपनी साख को बरकरार रखने के लिए अधिक काम करना होगा. अन्यथा लोडिंग में भी वह बिलासपुर से पिछड़ सकता है. अब देखना है कि आगे -आगे होता है क्या?
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो