बोकारो(BOKARO): बोकारो के गोमिया प्रखंड से एक बहुत ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां कर्ज के बोझ तले दबी एक आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका के पद पर कार्यरत एक महिला आत्महत्या करना चाहती है. दरअसल, होसिर लरैयाटांड़ स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका का नाम पूर्णिमा देवी है. उसने अपनी बीमारी के इलाज के लिए महिला समूह से एक लाख रुपए का कर्जा लिया था. लेकिन, पैसे नहीं रहने की वजह से ,वह इसे चुकाने में असमर्थ है.
क्या मैं आत्महत्या कर लूं ?
लाचार और तंगहाली में जिंदगी जी रही पूर्णिमा देवी ने बताया कि पिछले 5 महीनों से मानदेय नहीं मिला है. पति की मौत हो चुकी है , कर्ज चुकता करने के लिए पिता से भी मदद की गुहार लगाई तो उन्होंने भी इंकार कर दिया. अब कर्जदार पैसे वापस मांग रहे हैं. लिहाजा पैसे नहीं होने की वजह से अब आत्महत्या के आलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. अभी दबाव के चलते पूर्णिमा मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई है. उसकी नजर में अपनी जिंदगी खत्म कर लेने से ही समस्या का समाधान निकल जाएगा.
अपनी ही जान लेना चाहती हैं आंगनबाड़ी सहायिका
पूर्णिमा देवी के मानदेय के संबंध में गोमिया के बाल विकास पदाधिकारी अल्का रानी से पूछने पर उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर केन्द्रांश और राज्यांश दो जगहों से राशि आबंटन होती है. राज्यांश से मिलने वाली राशि दो-चार दिनों में आबंटन हो जाएगी. और केन्द्रांश से मिलने वाली राशि का आबंटन नहीं हुआ है. इसलिए इसके लिए वरीय अधिकारियों से बात करूंगी.
रिपोर्ट- संजय कुमार