गढ़वा:- एक ऐसी खबर है कि जो भी इसे सुन रहा है, उसका दिल पसीज जा रहा है. झारखंड के गढ़वा में एक महिला ने फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिया था. जिसे नहीं चुका पाई, तो उसके नाबालिग लड़के को उठाकर कर्मचारी ले गए . कंपनी के कर्मियों ने उसे 14 दिनों तक बंधक बनाकर रखा .
बेटे को उठाकर ले गये कर्मचारी
दिल को झकझोर देने वाली और मानवता को शर्मसार करने वाली ये घटना गढ़वा जिले के रोहिनयां गाव की है. मामला तब प्रकाश में आया, जब एसडीपीओ सतेन्द्र सिंह और स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को मुक्त कराया गया . इस मामले में महिला के आवेदन पर केस दर्ज किया गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आय़ी और माइक्रो फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक निगम यादव को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया.
18 हजार रुपए था बकाया
पुलिस ने इस घटना के बारे में बताया कि रोहिनया गांव की निवासी संतोष राम की पत्नी एक लिखित आवेदन थाने में दिया. इसके आधार पर दो लोगों पर नामजद केस दर्ज किया गया . जिसके बाद कंपनी के कर्मचारी उमाशंकर तिवारी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. पीड़ित महिला ने बताया कि दो साल पहले माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपए कर्ज लिया था, जिसमे ब्याज समेत 32 हजार रुपए चुके दिए थे. 18 हजार रुपए शेष बचे हुए थे. इसे लेकर ही परेशान किया जा रहा था.
इसे लेकर ही घर पर शाखा प्रबंधक आए, उस दिन वह घर पर नहीं थी. तो उसके नाबालिग बेटे के उठाकर श्री बंशीधर नगर के हेन्हो मोड़ ले गए. इसके बाद महिला को यह धमकी दी कि किसी को इसकी शिकायत नहीं करें, नहीं तो परिणाम बेहद बुरा होगा. उनके बेटे की आंख और किडनी निकाल कर बेच दिया जाएगा. इसी डर से किसी को वह नहीं बतायी, आखिरकर अंत मे लोगों को जानकारी दी , तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.
नाबालिग के देते थे धमकी
इधर , बंधक बने नाबालिग बेटे ने बताया कि उसके साथ बेहद ही अमानवीय सलूक किया गया. 14 दिनों तक उसकी जिंदगी नरक बन गई, शराब की बोतल उसे फेंकवाया जाता था. पैसा नहीं देने पर उसकी आंख और किडनी बेचने की धमकी दी जाती थी. नाबालिग ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन उसकी बड़ी दीदी मौजूद थी. उसने ये भी बताया कि कर्मचारी उमाशंकर तिवारी उसके साथ मारपीट करता था और उसका गला भी दबाने का प्रयास किया गया और घर का कामकाज भी कराया जाता था.
पुलिस ने इस मामले पर यही कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.