साहिबगंज(SAHEBGANJ): दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड की जांच की आंच अभी कम भी नहीं पड़ी है कि साहिबगंज में भी मानवता को शर्मसार करने वाली दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां शादी के महज 10 दिनों बाद ही पति के द्वारा अपने दूसरे समुदाय की पत्नी के कई टुकड़े कर दिए जाने का मामला सामने आया है. मामले में पुलिस ने अपनी जांच तेज करते हुए अब तक मृतिका के शरीर के 18 टुकड़े बरामद कर लिए हैं, वहीं लापता सिर की सरगर्मी से तलाश की जा रही है. क्या है पूरा मामला चलिए सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं...
शनिवार की शाम को एक बोरा में शव होने की मिली थी पुलिस को सूचना
शनिवार की शाम को बोरियो संताली के आंगनबाड़ी के पास एक बोरे में शव होने की सूचना बोरियो थाना पुलिस को मिली. उसके बाद पुलिस ने वहां से एक बोरे में टुकड़ों में काटकर रखा गया रुबिका का शव बरामद किया. हालांकि उसमें सिर गायब था. जांच के क्रम में दबोचे गए दिलदार ने शव की पहचान अपनी पत्नी रुबिका के रूप में की है. इधर घटना की जानकारी मिलते ही शनिवार की देर शाम जिले के एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा भी घटनास्थल पहुंचे थे. शनिवार की सुबह संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन मंडल भी पहुंच कर पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं. डीआईजी ने एसपी के साथ घटनास्थल पर जाकर वहां का मुआयना किया. वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मृतिका रूबीका का पूरा परिवार शनिवार की सुबह से ही बोरियो थाना मैं बैठे हैं. पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए आरोपी पति दिलदार और उसके परिवार के कई सदस्यों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
पुलिस ने आरोपी के घर की ली तलाशी
शनिवार की सुबह पुलिस बोरियो मोमिन टोला स्थित आरोपी पति के घर की तलाशी लेते हुए घर को सील कर दिया है. तलाशी के दौरान घर से कई सामानों को बरामद किया गया. हालांकि हत्या के ठोस कारण का पता नहीं चल सका है, लेकिन कहा जा रहा है कि परिवारिक विवाद में रुबिका की हत्या की गई है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को ही आरोपी पति दिलदार ने अपने मामा मैनुल अंसारी के घर मे हत्या को अंजाम दिया था. इसके बाद शव को बोरे में बांधकर बोरियो संथाली स्थित आंगनवाड़ी केंद्र के बगल में छुपा कर रख दिया था.
क्या है पूरा मामला?
साहिबगंज जिला के बोरियो थाना क्षेत्र के गोंडा पहाड़ निवासी मृतिका के पिता सूर्या पहाड़िया ने बताया कि उसकी चार संतान है. उनकी तीसरी बेटी 22 वर्षीय रुबिका तकरीबन डेढ़ महीने से बोरियो के बेल टोला निवासी दिलदार के साथ रह रही थी. जिसका परिजनों ने विरोध किया था. विरोध के बाद यह मामला बोरियो थाना पहुंचा था, क्योंकि दिलदार पहले से ही शादीशुदा और एक बच्चे का पिता भी है. पुलिस की उपस्थिति में मामले का फैसला होने के बाद दिलदार ने रुबिका से शादी की और उसे अपने घर ले गया. बताया जाता है कि तकरीबन 2 साल पहले भी रुबिका उसी दिलदार के साथ घर से फरार हो गई थी. बाद में रुबिका को समझा-बुझाकर उसके परिजन वापस घर ले गए थे.
दिलदार ने रुबिका के घर से बिना बताए कहीं चले जाने की दी थी सूचना
रुबिका के पिता सूर्या पहाड़िया ने बताया कि शुक्रवार को दिलदार ने फोन पर उसकी बेटी रुबिका के घर से बिना बताए कहीं चले जाने की सूचना दी थी. इसके बाद खोजबीन शुरू की गई लेकिन कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी. बाद में शनिवार की शाम को बोरियो थाना पुलिस के द्वारा रुबिका के शव बरामद होने की सूचना दी गई थी, तब जाकर उनको पता चला कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद वे लोग काफी सकते में हैं. पूरा परिवार गम के माहौल में है और चाहते हैं कि उनकी बेटी के हत्यारे को फांसी की सजा मिले. वहीं घटना की जानकारी पाकर रुबिका की बड़ी बहन शीला समेत अन्य परिजन भी बोरियो थाना पहुंचकर न्याय की मांग कर रहे हैं. इस जघन्य घटना से मर्माहत परिजनों का थाना में ही रो-रोकर बुरा हाल है. रोते-रोते बहन शीला काफी दर तक बेहोश भी ही गई.
पहाड़िया जनजाति की थी महिला
बता दें कि आरोपी पति अल्पसंख्यक समुदाय का है और मृतिका पत्नी पहाड़िया जनजाति की है. पहाड़िया झारखंड की उन विशेष जनजाति में शामिल है, जिनका सरकार विशेष ध्यान रखती है. इनकी भाषा, बोली और रहन-सहन सभी अलग होते हैं. ये बाहरी लोगों से ज्यादा खुलते भी नहीं हैं. लगातार प्रशासन इन पर ध्यान देती रहती है, क्योंकि ये एक ऐसी जनजाति है, जो कहीं कहीं ही वास करती है. ऐसे में झारखंड में रहने वाली पहाड़िया जनजाति के प्रत्येक लोगों का डेटा सरकार और प्रशासन के पास होता है.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि लगातार प्रशासन की देखरेख में रहने वाली इस जनजाति की महिला का इतने निर्मम तरीके से हत्या कर दिया गया और प्रशासन को इसकी सुध भी नहीं लगी. क्या प्रशासन अपना काम सही से नहीं कर रहा था? ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं. मगर, इसके साथ ही एक और सवाल उठ रहा है, जो काफी गंभीर है. वह सवाल है लव जिहाद का.
लव जिहाद का शक!
लव जिहाद का शक इसलिए उठ रहा है, क्योंकि आरोपी पति अल्पसंख्यक समुदाय से आता है. और इसके पहले भी राजमहल क्षेत्र में लगातार ऐसे मामले उठते रहे हैं. वहां के विधायक भी लगातार इलाके में लव-जिहाद की बात कहते आए हैं. आरोप लगाया जाता रहा है कि दुमका और साहेबगंज के इलाकों में बांग्लादेशी और पीएफआई द्वारा जबरन आदिवासी लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया जा रहा है. दुमका में पहले भी आदिवासी लड़कियों के खिलाफ ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जहां मुस्लिम युवकों के द्वारा प्रेम जाल में फंसाने का ममाला सामने आता रहा है, जब कई लड़कियों ने उनके प्यार को ठुकराया तो उन्हें मारने के भी मामले सामने आए हैं. इस मामले में भी ऐसे ही किसी साजिश होने की बात कही जा रही है.
मामला लव जिहाद का हो, या फिर कुछ और, मगर जिस तरीके से महिला के टुकड़े कर उसे मारा गया है, इससे साफ है अपराधियों के बीच पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है, लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो ना जाने और कितनी लड़कियां और महिलायें ऐसे ही इन हैवानों का शिकार बनते रहेंगी.