धनबाद(DHANBAD): शुक्रवार यानि आज 3 नवंबर है. 20 दिन बाद देवउठनी एकादशी होगी और उसके साथ ही एक बार फिर मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. लगभग 5 महीना से शादी विवाह के मुहूर्त नहीं थे. चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है. उसी दिन भगवान विष्णु लंबी निद्रा में चले जाते है. चातुर्मास के दौरान सभी मांगलिक कार्य, विवाह, मुंडन आदि पर रोक लग जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्री हरि जागते हैं और फिर मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.इस सावन महीने में अधिकमास था, इसलिए मांगलिक कार्यों पर रोक थी. यह अवधि 5 महीने की रही. 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और उसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. 23 नवंबर को विवाह का मुहूर्त शुरू होकर 16 दिसंबर तक 2023 में रहेगा. उसके बाद एक महीने तक कोई मुहूर्त नहीं है. 2024 में मकर संक्रांति के बाद 17 जनवरी से विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे. यह बात भी सही है कि कैटरर से लेकर डेकोरेटर और बैंड बाजा वाले शादी -विवाह के लग्न की प्रतीक्षा करते है.
महंगाई की पड़ रही मार
हालांकि बैंड बाजा वालों में अब उतना अधिक उत्साह नहीं होता है. उनका कहना है कि आर्केष्ट्रा और डीजे के आगे उनकी मांग कम हो गई है. लेकिन मैरिज हॉल , रिसार्ट चलाने वालों की चांदी रहती है. पहले लोग अपने-अपने घरों में शादी- विवाह या शुभ कार्य कर लिया करते थे. लेकिन अब जिनके पास जगह है ,वह भी इससे परहेज कर रहे है मैरिज हॉल , रिसार्ट की तरफ जाना पसंद कर रहे है. वैसे, महंगाई ने शादी विवाह के बजट को प्रभावित किया है. शादी के सीजन शुरू होने वाले हैं, सोना चांदी से लेकर सब चीज महंगी हो गई है. एक अनुमान के अनुसार 15 से 20% खर्चे में बढ़ोतरी संभावित है. सोना- चांदी के दाम में तो वृद्धि हुई ही है, टेंट कारोबार में भी डीजल के दाम और मजदूरी बढ़ने से यह महंगा हो गया है. जिनके जिनके घरों में 2023 में शादी फिक्स है, वह लोग बुकिंग आदि का काम पूरा कर लिए है. बाजार भी शादी- विवाह का लग्न शुरू होने की प्रतीक्षा करता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो