दुमका(DUMKA): कहते हैं छात्र राष्ट्र के भविष्य होते हैं और इन छात्रों का भविष्य गढ़ने के लिए हमारे देश में आदिकाल से ही विद्यालय की व्यवस्था की गई है जहां इनके भविष्य सजाने और संवारने की जिम्मेदारी जिन पर होती है उनका दर्जा गोबिंद से भी ऊपर रखा गया है. लेकिन आज के समय में गुरु - शिष्य के पवित्र रिश्ते समय समय पर कलंकित होने की खबरें आती रहती है और जब इस रिश्ते को कलंकित करने में किसी भी शिक्षण संस्थान के प्रधानाध्यापक से लेकर रात्री प्रहरी तक कि संलिप्ता की बात सामने आए तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी है.
विद्यालय के प्रधानाचार्य और रात्रि प्रहरी पर छात्राओं को प्रताड़ित करने का आरोप
ताजा मामला उपराजधानी दुमका का है. नगर थाना के कड़हरबिल स्थित अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलजानन्द झा एवं रात्रि प्रहरी शिवपूजन पर विद्यालय की छात्राओं को प्रताड़ित करने औऱ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. जबकि शिक्षक पंकज और गुलशन के साथ प्रधानाचार्य और रात्री प्रहरी मिलकर त्यौहार अथवा लंबी छुट्टी पर जाने के पूर्व विद्यालय परिसर में शराब का सेवन करने का आरोप है. जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कच्छप के आवदेन पर नगर थाना में चारों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पुलिस ने त्वरित कार्यवाई करते हुए प्रधानाचार्य शैलजानन्द झा और रात्री प्रहरी शिवपूजन को गिरफ्तार कर लिया है.
डीसी ने पूरे मामले की जांच का दिया आदेश
जानकारी के अनुसार विद्यालय की कुछ छात्राओं ने इस बाबत डीसी से शिकायत की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी ए दोड्डे ने सहायक समाहर्ता प्रांजल ढाढा और कार्यपालक दंडाधिकारी सुप्रिया एक्का को पूरे मामले के जांच की जिम्मेदारी दी. दोनों पदाधिकारियों ने विद्यालय पहुच कर मामले की जांच की और जांच रिपोर्ट डीसी को सौपा. जांच रिपोर्ट में आरोप सत्य प्रतिवेदित किया गया. जिसके आधार पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने नगर थाना में प्रधानाचार्य शैलजानन्द झा, रात्री प्रहरी शिवपूजन, शिक्षक पंकज और गुलशन के खिलाफ नगर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए प्रधानाचार्य शैलजानन्द झा और रात्री प्रहरी शिवपूजन को गिरफ्तार कर लिया.
सवाल उठता है कि आखिर लोग किस पर भरोसा करे. एक बच्चा माता पिता के बाद अगर अपने आप को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है तो वो है शिक्षक के साथ. आवासीय विद्यालय में तो शिक्षक की दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है. इसके बाबजूद आवासीय विद्यालय के प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षक और रात्री प्रहरी तक पर अगर ऐसे आरोप लगे हैं तो सोचनीय विषय है.
रिपोर्ट: पंचम झा