जमशेदपुर (JAMSHEDPUR): दुनिया में एक महिला के लिए सबसे बड़ा सुख मां बनने का होता है. इस दिन का इंतजार हर महिला करती हैं. जब से गर्भ में भ्रूण स्थापित होता है. एक महिला पल-पल उसको महसूस करती है. भले ही कोई नवजात नौ महीने के बाद दुनिया में जन्म लेकर आता है. तो परिवार के लोग उसे देख पाते हैं. लेकिन एक मां ही होती है.जो बच्चे को पैदा होने से पहले ही उसकी हर हरकत को महसूस करती हैं. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी भी मां होती हैं. जो अपने कलेजे को टुकड़े को कचरा के बराबर समझती हैं. और उसे मरने के लिए कचड़े के डब्बे में ही फेंक देती हैं. एक ऐसी ही कलयुगी मां की खबर जमशेदपुर से सामने आई है. जहां एक नवजात को कपड़ा और पेपर में लपेट कर झोला सहित जंगल के पेड़ में लटका दिया गया.
कलयुगी मां ने किया ममता को शर्मशार
नवजात बच्चा रातभर झोले से लटका बारिश में भीगता रहा. और सुबह लोगों की जब उस पर नजर पड़ी. तो देखा कि नवजात ठंड से कांप रहा है, और रो रहा है. जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. इस घटना की लोग निंदा कर रहे हैं. और उस कलयुगी मां की आलोचना कर रहे हैं. जिसने ममता को शर्मसार करने वाली हरकत की हैं.
एक दिन के नवजात को पेड़ से लटकाकर भाग गई बेरहम मां
ये पूरी घटना आजाद नगर थाना क्षेत्र में पार्डी चौक से तमोलिया जाने वाली सड़क के किनारे की है. जहां एक पेड़ पर झोले के अंदर लटके बच्चे को लोगों ने देखा. झूले से रोने की आवाज आ रही थी. लोगों की भीड़ उस पेड़ के पास इकट्ठा हो गई. जिसके बाद लोग हैरान थे.
अस्पताल में चल रहा नवजात का इलाज
इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और पेड़ पर से झोला को उतारा. जिसमे 1 दिन का नवजात बच्चा था. गनीमत रही की पुलिस ने बच्चे को तत्काल एमजीएम अस्पताल पहुंचाया. जहां उसका इलाज चल रहा है. रातभर पेड़ पर लटके रहने से बच्चे की तबीयत काफी खराब है.इसलिए कहते हैं न जाको राखे साइयाँ मार सके न कोय, इसका यह अर्थ होता है कि जिसकी रक्षा स्वयं ईश्वर करते हैं उनका कुछ भी अहित नहीं हो सकता है और यह जमशेदपुर में चरितार्थ हुआ है.