☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

सरायकेला: रोजगार के नाम पर किसान मत्स्य मित्रों के साथ खानापूर्ती ! 20 दिनों के अंदर ही मरने लगी मछलियां, विभाग ने नहीं दी कोई जानकारी

सरायकेला: रोजगार के नाम पर किसान मत्स्य मित्रों के साथ खानापूर्ती ! 20 दिनों के अंदर ही मरने लगी मछलियां, विभाग ने नहीं दी कोई जानकारी

सरायकेला(SARAIKELA):सरायकेला जिला के बहुउद्देशीय परियोजना के तहत चांडिल डेम बनाया गया, जिसके वजह से 84 मौजा के ग्रामीण विस्तापित हो गये, जिनको झारखंड सरकार की ओर से चांडिल बांध विस्तापित मत्स्य जीवी सहकारी समिति मछली उत्पादन से जोड़ा गया,और विभिन्न समितियां को मत्स्य विभाग सरायकेला की तरफ से पंगास मछली का बच्चा दिया जाता है.एक तरफ विभागीय लापरवाई की वजह  से आज चांडिल डैम जलाशय में केज कल्चर से मछली पालन में उत्पादन घट गया है.दूसरी तरफ लाभुको अपना योजना का बैंक खाता खोलने के लिए कुकडू से 60 किलोमीटर दूरी सरायकेला मत्स्य विभाग जाना पड़ रहा है, जिला मत्स्य विभाग के पदाधिकारी किसानों के साथ दूरी बनाकर चल रहे है. जिससे किसानों में मायूसी देखी जा रही है.

2011 ओर 2012 से पंगास मछली के साथ तेलेपिया मछली केज कल्चर से  पालन हो रहा है

 विस्तापितो किसानो को राज्य के मत्स्य विभाग द्वारा बर्ष 2011 ओर 2012 से सुचारू रूप से पंगास मछली के साथ तेलेपिया मछली केज कल्चर के माध्यम से  पालन हो रहा है, जिसमे डैम जलाश्य में कोई समिति लाभुक जुड़े हुए है,चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल डेम में 2011 ओर 12 बर्ष से पंगास मछली के साथ टेलेपिया मछली का उत्पादन होने जा रहा है.एक महीना से प्रतिदिन सैकडों की तादात से मछलियां मरने लगी है. जिससे मत्स्य मित्र चिंता में डूबे है. इन लोगो का कहना है कि जिला मत्स्य विभाग सरायकेला  द्वारा कहे जाने पर किसी बात को नहीं सुना जाता है. जिससे मछली की फंगस बीमारी बढ़ती जा रही है. इस बीमारी की वजह से मछली के शरीर के ऊपर फुल जाता है, जिसका ईलाज पोटेशियम, पार्मेग्नेट ,हल्दी,ओर साफ सफाई कमी है.

मत्स्य विभाग के प्रचार प्रसार पदाधिकारी कभी भी  विजिट करने नहीं आते है

मत्स्य विभाग के प्रचार प्रसार पदाधिकारी कभी भी  विजिट करने नहीं आते है. ना मत्स्य मित्रो को मछलियों में होनेवाले बीमारी की जानकारी और  उपचार के लिए दावा की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. जिससे विस्तापित मत्स्य मित्रों में विभाग के प्रति नाराजगी है.विभाग द्वारा 70 लाभुको 7 हजार पंगास मछली का फिंगर मछली बच्चा दिया गया. किसानों का कहना है कि 15 से 20 दिनो के अंदर ही केज कल्चर में मछलियां मरने लगी है. किसानों को मछलियों की देख रेख की कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसकी वजह से किसानों में नाराजगी है. किसान मत्स्य मित्रो ने बताया कि विभाग के कोई भी पदाधिकारी चांडिल जलाश्य  क्षेत्र में विजिट नहीं करते है, मत्स्य विभाग द्वारा दावा ,फिट, की सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है, पदाधिकारी अपने कार्य स्थल छोड़कर जिला मुख्यालय में डेरा डाले हुए हैं.

रिपोर्ट-वीरेंद्र मंडल

Published at:05 Feb 2024 07:02 PM (IST)
Tags:Farmers meet Matsya friends Fish started dying department did not give informationSeraikelachandil damchandil dam newsSeraikela newsSeraikela news todayjharkhand newsjharkhand news today
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.