धनबाद(DHANBAD) : सबकी किस्मत महेंद्र सिंह धौनी की तरह कहां होती. धौनी छोटे शहर रांची से निकलकर विश्व फलक पर छा गए है. लेकिन हजारीबाग मंडई खुर्द का रहने वाला कलाकार धौनी की तरह विश्व फलक जानें की तो नहीं ,लेकिन झारखंड प्रदेश स्तर पर अपनी कला पहुंचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं हजारीबाग के मंडई खुर्द का रहने वाले प्रीत राज का. उनकी उंगलियों में जादू है, जब वह जादू बिखेरना शुरू करते हैं तो देखने वाले कभी उनकी उंगलियों को तो कभी उनकी एकाग्रता को निहारते रह जाते है.
एक साथ पांच- पांच महापुरुषों का स्केच बना डालते
प्रीत राज की विशेषता है कि क्षणभर में एक साथ पांच- पांच महापुरुषों का स्केच बना डालते है. कोई मशीन या विशेष यत्र का उपयोग नहीं करते है. और न ही काम शुरू करने के पहले बहुत चिंतन -मनन करते है. इसके लिए वह एक छड़ी में 5 स्केच पेन बांधते हैं और फिर उनकी अंगुलियां लट्टू की तरह नाचने लगती है. मिनट भर में पांच- पांच महापुरुषों के स्केच तैयार हो जाते है.
माता-पिता भी है कलाकार
प्रीत राज के परिवार की विशेषता यह है कि माता- पिता सभी कलाकार है. प्रीत राज, हजारीबाग जिला स्कूल प्लस टू के छात्र हैं लेकिन उनके पास कला का हुनर ऐसा है कि हर देखने वाला मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता. उनकी इच्छा है कि पहले तो उनका नाम ग्रीनिज बुक में अंकित हो, फिर कम से कम झारखंड लेवल पर उनकी कला को पहचान मिले. पढ़ाई के साथ-साथ कला की दुनिया में वह आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन अभी उन्हें किसी बेहतर प्लेटफार्म की तलाश है.