(Tnp desk):-झारखंड की राजधानी रांची लगातार विकसित हो रही है. बड़े-बड़े मॉल, नये बन रहे ओवरब्रिज और नई-नई सड़के इसके तेजी से होते विकास की तस्दीक कर रही है. लेकिन, इसी रांची का दूसरा पहलु देखे, तो पिछले पांच साल में यह क्राइम कैपिटल भी मानो बन गई है. राज्य के अन्य जिलों की तुलना में सबसे ज्यादा जुर्म यहीं हुए. अपराधियों पर लगाम कसने में पुलिस के हाथ मानो थोड़े ढीले दिखते हैं.
क्या कहते हैं थानों में दर्ज आंकड़े ?
रांची झारखंड की राजधानी है, यहां पर सबसे ज्यादा आवाजही वीआईपी से लेकर आम लोगों का रहती है . लेकिन, साल 2023 में अब तक थानों में दर्ज केस के अनुसार राजधानी सभी तरह के अपराधों में राज्य का नंबर वन बन गया है. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुलिस अफसरों के साथ गंभीर बैठक क्राइम कंट्रोल को लेकर की थी. मुख्यमंत्री ने फरमान के साथ चेतावनी भी दी थी. इसी सिलसिले में, कई बार हाईकोर्ट भी पुलिस के बड़े अफसर से सवाल-जवाब कर चुकी है. लेकिन, जुर्म पर लगाम तो लगती नहीं दिखती है .
सबसे ज्यादा ठगी के अपराध
सीआईडी के पिछले पांच साल के आंकड़ों को खंगाले तो, उसके मुताबिक झारखंड में सबसे अधिक अपराध ठगी के हुए हैं. 19,383 लोग इसके शिकार हुए हैं. सिर्फ, रांची में सबसे अधिक 3,545 केस दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर लोह नगरी जमशेदपुर रही, जहां 2,191 मामले दर्ज हुए. साइबर अपराध में भी रांची पहले स्थान पर है. पिछले पांच सालो में झारखंड में साइबर अपराध के 5,350 मामले सामने आए है. इनमें 1432 सिर्फ रांची में दर्ज हुए है. जबकि, साइबर क्राइम के लिए जामताड़ा जिला सबसे ज्यादा बदनाम देशभर में हैं.
कोरोना काल में साइबर ठगी बढ़ी
वैश्विक महामारी कोरोना जब फैली थी, इस दौरान रांची में 2019 में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले 478 दर्ज हुए थे, क्योंकि उस दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया था. इस मामले में दूसरा स्थान धनबाद का रहा.यहां साइबर ठगी के 406 केस दर्ज हुए.हालांकि, ये जो भी आंकड़े सामने आए हैं, वो थाने में दर्ज मामलों के आधार पर हैं. हालांकि, दूसरा पहलू देखे तो , यह है कि सैकड़ों ऐसे क्राइम हुए होंगे, जो थाने तक पहुंचे भी नहीं हैं
ठगी में राजधानी रहा नंबर वन
पिछले पांच साल में अपराध के आंकड़े देखे तो वह कुछ अलग ही कहानी बंया करती दिखती है, जिसमे रांची साइबर ठगी, हत्या, दुष्कर्म ,लूट में अन्य जिलों की अपेक्षा सबसे ज्यादा हुई. विगत पांच साल के आंकड़े के मुताबिक, रांची में 3543 लोग ठगी के शिकार हुए, वही दूसरे नंबर लोहनगरी जमशेदपुर रही, जहां 2191 लोग ठगे गये. तीसरा स्थान हजारीबाग का रहा जह ठगी के शिकार 1939 लोग हुए . जबकि चौथे नंबर बोकारो और पांचवे नंबर पर देश की कोयला राजधानी धनबाद रही. बोकारो में 1440 लोग ठगे गये, जबकि धनबाद में 1361 लोग जालसाजों के चक्कर में फंसे
साइबर ठगी में रांची रहा अव्वल
साइबर ठगी के पिछले पांच साल के आंकड़े तो रांची में 1432 लोग इसके शिकार बने, दूसरे नंबर पर धनबाद रहा, जहां 406 लोग ठगे गये, वही, तीसरे नंबर पर बाबानगर देवघर का नाम आया. जहां साइबर ठगों के जाल में 405 लोग फंस गये. चौथे स्थान पर जमशेदपुर रहा, जहां 384 लोग इसके शिकार बनें, वही पांचवें नंबर पर हजारीबाग का नंबर रहा, जहां 348 लोगों ने साइबर ठग के जाल में फंसे.
हत्या में रांची का रहा पहला स्थान
पिछले पांच सालों में राजधानी रांची में सबसे ज्यादा हत्याएं, राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले हुई. इस दौरान 827 लोगों ने अपनी जान गंवाई. हत्या के मामले में दूसरे स्थान पर गिरिडीह रहा, जहां 594 लोगों की हत्या की गई. हत्या के मामले में तीसरे नंबर पर गढ़वा का स्थान रहा. जहां 577 लोगों ने अपनी जान गंवाई. चौथे नंबर पलामू जिला रहा, 572 लोग को यहां मौत की नींद सुला दी गई. पांचवे नंबर पर हजारीबाग जिला रहा. जहां 547 लोग मारे गये.
लूट में भी राजधानी का शीर्ष स्थान
लूट की वारदातों को पिछले पांच साल में देखे तो दर्ज एफाआईर के मुताबिक सबसे ज्यादा रांची में ही लूट की घटनाएं हुई. रांची में 887 लूट की वारदाते हुई. दूसरे स्थान पर जमशेदपुर रहा, जहां 436 लूट की वारदात हुई. 203 लूट की घटना के साथ तीसरे नंबर पर धनबाद का स्थान आया. चौथे पायदान पर देवघर औऱ पांचवे नंबर पर हजारीबाग जिला रहा. देवघर में 190 और हजारीबाग में 185 लूट की घटना हुई.