धनबाद(DHANBAD): धनबाद-गोविंदपुर रोड पर बिग बाजार का इलाका. यहां सड़क पर गाड़ियों का कब्जा होता है. क्या मजाल कि कोई इसमें टोका-टोकी कर दे. पुलिस भी सड़क पर गाड़ियों को लेकर किसी से उलझना नहीं चाहती. नतीजा होता है कि आधी सड़क पर गाड़ियां खड़ी रहती हैं और आने-जाने वाले को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस सड़क पर दबंगई का हाल तो यह है कि निगम अगर टेंडर निकालता है तो दबंगों के डर से कोई टेंडर डालने नहीं पहुंचता. वित्तीय वर्ष 2021-22 में नगर निगम ने इस पार्किंग की बंदोबस्ती 7 लाख 20 हज़ार में की थी. जिसकी समय सीमा 31 मार्च 2022 को ही खत्म हो गई. उसके बाद 4 बार निगम ने टेंडर निकाला लेकिन कोई टेंडर डालने नहीं पंहुचा.
निगम अभी विभागीय स्तर पर पार्किंग की वसूली करता है
निगम अभी वहां विभागीय स्तर पर पार्किंग की वसूली करता है. लेकिन यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. प्रतिदिन वहां वसूली 5 से 7 हजार की होती है लेकिन निगम के खाते में राशि उतनी पहुंचती नहीं है. टेंडर की अवधि खत्म होने के बाद भी निगम की रसीद छपवा कर दबंग वसूली करते हैं. जो लोग वहां वाहन से पहुंचते हैं, वह तो चुपचाप पैसा दे देते हैं लेकिन यह पैसा दबंगों की जेब में चला जाता है. ऐसी बात नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारियों अथवा निगम के पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है, बावजूद सब कोई चुपचाप तमाशा देखते रहते हैं और दबंगों की दबंगई चलती रहती है.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह के साथ संतोष, धनबाद
