रांची(RANCHI): झारखंड के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस दिशा में एक और बड़ी परिवर्तनात्मक पहल शुरू की है. राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि और विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार के लिए विभाग द्वारा स्कूलों के रिपोर्ट कार्ड को जारी करने का निर्णय लिया गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा विद्यालयों के लिए रिपोर्ट कार्ड का फाइनल ड्राफ्ट बनकर तैयार है.
प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के अंतर्गत अब राज्य के सभी विद्यालय स्वतः मूल्यांकन कर अपना रिपोर्ट कार्ड भरेंगे. स्कूलों में बच्चो के रिपोर्ट कार्ड की तर्ज पर अब विद्यालय का रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा. प्रत्येक विद्यालय को विभिन्न मानकों के आधार पर स्वयं को 2000 अंको में मूल्यांकित करना होगा. प्रथम चरण में राज्य के सभी 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों और 325 प्रखंडस्तरीय आदर्श विद्यालयों का स्कोर कार्ड जारी होगा. अगस्त के आखिरी सप्ताह में इन विद्यालयों के स्कोर कार्ड को जारी करने की योजना है. इसके लिए विभाग द्वारा आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है.
सभी विद्यालयों के लिए क्लस्टर बनाकर नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किये गए है. इन पदाधिकारियों को संबंधित विद्यालयों के स्कोर कार्ड और मूल्यांकन का जमीनी अनुश्रवण करना है. पदाधिकारी विद्यालय में यह जांचेंगे कि विद्यालय द्वारा किया गया मूल्यांकन सटीक है या उसमे कुछ त्रुटियां है. स्कूल स्कोर कार्ड और विद्यालय के अनुश्रवण के बाद थर्ड पार्टी असेसमेंट होगा, जिसमे विद्यालय द्वारा दिए गए अंको की जांच की जाएगी. यह प्रक्रिया हर माह दोहराई जायेगी.
हर महीने जारी होगा स्कोर कार्ड, बढ़ेगी स्वस्थ और पारदर्शी प्रतिस्पर्धा
अगस्त, 2024 से प्रत्येक माह विद्यालयों का स्कोर कार्ड जारी होगा. इससे विद्यालय अपने प्रदर्शन का आंकलन तो करेंगे ही, साथ ही उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का अवसर भी मिलेगा. विद्यालयों का स्कोर कार्ड सार्वजानिक होगा, इससे अभिभावकों और समुदाय को विद्यालयों के प्रदर्शन की स्पष्ट जानकारी मिलेगी. स्कोर कार्ड से विद्यालयों के बीच स्वस्थ एवं पारदर्शी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे वे और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होंगे. स्कोर कार्ड में अधिक अंक पाने के लिए शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, जिससे वे अपने कार्यों को और अधिक गंभीरता से लेंगे.
तीन श्रेणियों में होगा स्कूलों का सर्टिफिकेशन, स्कोर कार्ड बनेगा आधार
सरकारी विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में अभूतपूर्व बदलाव के लिए प्रोजेक्ट इम्पैक्ट कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत सभी विद्यालयों के शैक्षणिक प्रदर्शन का निरंतर अनुश्रवण हो रहा है. स्कूल स्कोर कार्ड इस दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल साबित होने जा रहा है. 2000 अंको के स्कूल स्कोर कार्ड के आधार पर सरकारी विद्यालयों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, इन तीन श्रेणियों में विद्यालयों का सर्टिफिकेशन होगा. विद्यालयों को गोल्ड, ब्रॉन्ज़, सिल्वर सर्टिफिकेट मिलेगा. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सरकारी विद्यालयों को गोल्ड सर्टिफिकेट मिलेगा, उसके बाद ब्रॉन्ज़ और सिल्वर सर्टिफिकेट दिया जाएगा. स्कूल स्कोर कार्ड में 1800 या उससे अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को गोल्ड सर्टिफिकेट मिलेगा.
पुरस्कृत होंगे सर्टिफाइड विद्यालय, मिलेगी प्राथमिकता
स्कूल स्कोर कार्ड प्रमाणित होने के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले सरकारी विद्यालयों को ना केवल सर्टिफाइड किया जाएगा, बल्कि उन्हें राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत भी किया जाएगा. विद्यालयों को अनुदान राशि के अलावा तमाम सुविधाओं में प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे वे और बेहतर प्रदर्शन करे और विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को उत्कृष्ट बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं.
इन मानकों पर होगा विद्यालयों का मूल्यांकन
सरकारी विद्यालयों का 2000 अंको में मूल्यांकन होगा. इसमें क्लास असेसमेंट, शिक्षकों की मौजूदगी, बच्चो के आगमन और स्वागत, आदर्श प्रातःकालीन सभाएं, कक्षा में बच्चो की उपस्थिति, रेल परीक्षाओ के आंकलन, पाठ्येत्तर गतिविधियां, विद्यालय में स्वछता, दीवार लेखन एवं रंग रोगन, हरा भरा कैंपस, ईको क्लब, क्लब निर्माण, खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, विद्यालय की आधारभूत संरचना, संस्थागत व्यवस्था आदि मानक शामिल है.
निम्न प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को सुधार का मिलेगा अवसर
स्कूल स्कोर कार्ड में कम अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को व्यवस्था में सुधार का अवसर दिया जाएगा. उन्हें स्कोर कार्ड में अधिक अंक हासिल करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन मिलेगा. लगातार कम अंक लाने वाले विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.