गिरिडीह (GIRIDIH): बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड स्थापना दिवस के उपलक्ष में गिरिडीह जिले के विभिन्न प्रखंडों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किया जा रहा है. मौके पर बच्चों ने रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया. साथ ही जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालय में गरीबों के बीच कमल और परिसंपत्तियों बांटा गया.
बच्चों ने किया भगवान बिरसा मुंडा को याद
गिरिडीह झारखंड स्थापना दिवस और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष पर गिरिडीह जिले के समाहरणालय सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों के सभा कक्षा में भगवान बिरसा मुंडा श्रद्धा सुमन समर्पित करते हुए उन्हें याद किया गया. इस अवसर पर समाहरणालय सभागार में उपायुक्त प्रियेश लकड़ा और उप विकास आयुक्त के अलावा अन्य वरीय पदाधिकारियों ने बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. जिले के डुमरी अनुमंडल छात्र-छात्राओं द्वारा रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया. जो डुमरी अनुमंडल कार्यालय से निकलते हुए पूरा पारसनाथ, इसरी बाजार तक का भ्रमण किया.
विभिन्न स्कूल के छात्र-छात्रायों ने लिया भाग
इस दौरान डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार डूंगरी वीडियो सोमनाथ बनकीरा डुमरी सी यू धनंजय प्रसाद डुमरी थाना प्रभारी राजू मुंडा निमियाघाट थाना प्रभारी साजन कुमार सहित डूंगरी स्पोर्ट्स अकैडमी के अधिकारी गण और विभिन्न विद्यालय के छात्र छात्राएं ने भाग लिया.
कार्यक्रम में ये सभी रहे मौजूद
इस अवसर पर डुमरी, बगोदर ,पीरटांड़, सरिया , गांडेय, बेंगाबाद, बिरनी , तिसरी प्रखंड कार्यालय में भी बिरसा मुंडा जयंती मनाया गया तथा गरीब लाभुकों के बीच कम्बल सहित परइ सम्पतियों का वितरण किया गया.
भगवान बिरसा से प्रेरणा लेने की जरूरत - डीसी
इस अवसर पर उपायुक्त, प्रियेश लकड़ा ने पत्रकार बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का अदम्य साहस, समर्पण और बलिदान से हमें प्रेरणा लेना चाहिए और समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए. उपायुक्त ने धरती आबा को नमन करते हुए कहा कि हम सभी के लिए इनका जीवन प्रेरणास्रोत है कि कैसे उन्होंने अपने अदम्य साहस के बल पर अंग्रेजों से लोहा लिया था. इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जयंती और झारखंड राज्य स्थापना दिवस के पावन अवसर पर हमसब आज उनके बलिदानों को याद करते हैं.हमें गर्व महसूस होता है कि भगवान बिरसा मुंडा की ख्याति देश एवं विदेशों में भी है. उनके द्वारा सिखाए गए रास्तों पर सभी को चलने की आवश्यकता है.
जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाने की हुई थी घोषणा
केंद्र सरकार ने पिछले साल 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य देश के इतिहास और संस्कृति में जनजातीय समुदायों के योगदान को याद करना और आनेवाली पीढ़ियों को अपने सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है.
रिपोर्ट : दिनेश, गिरीडीह