धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल के लोग बुधवार को दोनों हाथों से बारिश का स्वागत किया. करते भी क्यों नहीं, सावन महीने की आज पहली बारिश हुई. सावन की पहली सोमवारी के दिन तो चिलचिलाती धूप में लोगों ने उपवास रखा, मंदिर और शिवालय जाकर बाबा भोले के दर्शन किये. फिर भी बाबा भोले का दिल नहीं पसीजा लेकिन 48 घंटे के बाद बुधवार को लगभग 3 बजे बारिश शुरू हुई. बारिश शुरू होने के पहले काली घटा घिरी और उसके बाद हवा के साथ बारिश शुरू हुई. उत्तर भारत में जहां बारिश ने कोहराम मचा रखा है, वही कोयलांचल या यूं कहें पूरा झारखंड फिलहाल सुखाड़ की चपेट में है. इस गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. सावन के महीने में भी 43 से 44 डिग्री तापमान लोग झेल रहे है. जेठ की गर्मी की तरह सुबह 7 बजते ही धूप निकल जाती है और 12 बजते बजते तो सूर्य भगवान अंगारे बरसाने लगते है.
सावन में भी 43 से 44 डिग्री तापमान
इस बार लोगों को जेठ की गर्मी और सावन की गर्मी में अभी तक कोई अंतर नहीं मिला है. सावन का महीना झमाझम बारिश के लिए जाना जाता है. सुल्तानगंज से बाबा धाम ,जो लोग कांवर लेकर बाबा को जल अर्पण के लिए जा रहे हैं या गए हैं, गर्मी का हाल तो वही बता सकते है. गर्मी ने इस बार हद कर दी. मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है. झारखंड की अगर बात की जाए तो धान के बिचड़े अभी खेतों में नहीं पड़े है. अब से अगर बारिश शुरू हुई तो किसान बिचड़े डालेंगे, फिर तैयार होने में वक्त लगेगा. धान की रोपाई होगी, मतलब पैदावार कम होगी और सुखाड़ की स्थिति बनेगी. खैर, जो भी हो आज की बारिश का कोयलांचल ने स्वागत किया है. यह बात अलग है कि कोयलांचल में बारिश के साथ ही एक बड़ी समस्या भू धसान की शुरू होती है. बारिश जैसे-जैसे तेज होगी,धसान की घटनाएं बढ़ती जाएगी. वैसे आज की बारिश अगर लगातार और तेज नहीं हुई तो गर्मी और बढ़ेगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो