दुमका(DUMKA): 2 नवंबर को दुमका के राजकीय पुस्तकालय में संथाली लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होगा. इसकी तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई है. समाहरणालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में डीसी रविशंकर शुक्ला ने इसकी जानकारी दी.
1889 में पीओ बोडिंग पहुंचे थे भारत
उन्होंने कहा कि 2 नवंबर को पीओ बोडिंग की जयंती है. पी ओ बोडिंग का जन्म 2 नवंबर 1865 को नॉर्वे में हुआ था. पादरी बनकर 1889 में पीओ बोडिंग भारत पहुंचे थे, जहां उन्होंने 44 वर्षों तक अपनी सेवा दी. उनका कार्य क्षेत्र मूल रूप से संथाल परगना प्रमंडल का दुमका जिला रहा. इस दौरान उन्होंने 1914 में बाइबिल का संथाली भाषा में अनुवाद किया.
विदेशों से भी वक्ता ऑनलाइन जुड़ेंगे
1922 में संथाली भाषा में व्याकरण की रचना की. संथाल समाज में प्रचलित लोक कथाओं को लिपिबद्ध किया. संथाली साहित्य के विकास में उनके योगदान को याद करते हुए जिला प्रशासन द्वारा संथाली लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी वक्ता ऑनलाइन जुड़ेंगे.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका