धनबाद(DHANBAD): झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह ने अपनी जान की रक्षा की गुहार कोर्ट से लगाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में संजीव सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता ने कहा है कि संजीव सिंह का इलाज धनबाद के सरकारी अस्पताल में 7 दिनों से चल रहा है लेकिन वह जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है .
संजीव सिंह ने सरकार पर लगाया आरोप
एक विचाराधीन कैदी के स्वास्थ्य ,जीवन और उनके अंगों की रक्षा करना सरकार और जिला प्रशासन का दायित्व है. अधिवक्ता ने कहा है कि मृतक नीरज सिंह की पत्नी कांग्रेस पार्टी की विधायक हैं ,जो कि मौजूदा सरकार में शामिल है. इसलिए रिम्स रांची में संजीव सिंह की जान को खतरा है. संजीव सिंह ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि सरकार चाहती है कि वह जेल के अंदर या सरकारी अस्पताल में मर जाएं. सजीव सिंह ने अदालत से प्रार्थना की है कि उन्हें निजी खर्च पर धनबाद के अशर्फी अस्पताल, एशियन जालान अस्पताल, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम,या धनबाद से बाहर सीएमसी वेल्लोर ,मैक्स दिल्ली भेजने का आदेश दिया जाए. ताकि उनके जान और शरीर की अंगों की रक्षा हो सके. दलील सुनने के बाद अदालत ने जेल प्रशासन से अभिलंब संजीव सिंह की स्वास्थ संबंधी वर्तमान रिपोर्ट मांगी है .पिछले 7 दिनों से धनबाद के सरकारी अस्पताल में वह भर्ती हैं.
रांची रिम्स में संजीव सिंह की जान को खतरा
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि 7 दिनों से वह न कुछ खा रहे हैं, न पी रहे हैं. उनके जीवन के लिए अब मेडिकल इमरजेंसी आ गई है. परिवार वाले इस बात को लगातार दुहरा रहे हैं कि रांची रिम्स में संजीव सिंह की जान को खतरा है .संजीव सिंह 2017 से ही जेल में बंद हैं. अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या में साजिश रचने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. नीरज सिंह की हत्या 2017 में धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र में अंधाधुंध फायरिंग कर कर दी गई थी. उस समय वह अपने निवास रघुकुल की ओर जा रहे थे कि घटना की गई.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो