धनबाद(DHANBAD) | झारखंड का साहिबगंज जिला, गंगा के कछार में बसा यह जिला अपनी "करतूतों" को लेकर फिलहाल चर्चे में है. यहां अवैध कारोबारियों की समानांतर व्यवस्था चलती है. सामांतर व्यवस्था चलाने वाले प्रशासन और पुलिस को भी ठेंगे पर रखते है. इस बात का खुलासा तत्काल के एक बड़ी छापेमारी में हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय 1000 करोड़ के अवैध खनन के मामले में दाहू यादव को खोज रही है. वह कहीं भागा हुआ है. इधर, प्रशासन जितने भी पत्थर खदानों और क्रशरों को सील करता है, वहां भी अवैध पत्थर से चिप्स बनाने का काम बेधड़क चलता है.
साहिबगंज के डीसी ने की छापेमारी तो हुआ खुलासा
साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव की छापेमारी से यह खुलासा हुआ है कि सील क्रशर के बाद भी अवैध धंधेबाजों पर कोई असर नहीं होता. दरअसल डीसी 26- 27 मई की आधी रात के बाद तालझारी थाना के बेंगचुरी पहाड़ के जंगल में टीम के साथ पहुंचे. वहां का दृश्य देखकर दंग रह गए. रात के अंधेरे में अवैध ढंग से सील क्रशरों को संचालित किया जा रहा था. इन क्रशरों में अवैध माइंस से पत्थर लाकर उसे स्टोन चिप्स बनाने का काम चल रहा था. उसके बाद डीसी ने राजमहल के एसडीओ को भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुलाकर पहले तो पूरे इलाके की घेराबंदी की. उसके बाद जांच शुरू की गई. तो मामले परत दर परत खुलते गए.
अधिकारियो ने दांतो तले उंगली दबा ली
अधिकारियों ने दांतो तले उंगली दबा ली. जानकारी के अनुसार 29 अप्रैल को क्रशरों सील कर दिया गया था. लेकिन पीछे के हिस्से को तोड़कर गैर कानूनी ढंग से उनका संचालन किया जा रहा था. छापेमारी रात भर चली. 20 लोगों को पकड़ा गया है. इसके अलावा 14 ट्रक, चार डीजे सेट, पांच पोकलेन, दो जेसीबी, दो ट्रैक्टर और तीन बाइक को जब्त किया गया है. साहिबगंज इलाके में अवैध कारोबारियों की समानांतर व्यवस्था किसी की परवाह नहीं करती है. उसे जब जी में जैसा आता यह समानांतर व्यवस्था काम करती है.साहिबगंज और आसपास के इलाके में प्रवर्तन निदेशालय की लगातार कार्रवाई से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी सजग और चौंकाने है, बावजूद सील क्रशरों से उत्पादन शुरू कर एक बार फिर अवैध कारोबारियों ने प्रशासन को चुनौती दी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो