साहिबगंज: जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन चाहे लाख दावे कर लें, लेकिन इसके बावजूद भी राजमहल अनुमंडल मुख्यालय को जिला मुख्यालय तक जोड़ ने वाली मुख्य सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ियां मौत बनकर दौड़ रही है. इसका ताजा उदाहरण राजमहल नगर राजमहल नगर पंचायत क्षेत्र में दे खने को मिला है. वहीं इस दर्दनाक घटना ने राजमहल शहर वासियों को अपने माथे पर हाथ लेने के लिए मजबूर कर दिया है. आगे आपको बता दें कि राजमहल नगर पंचायत के ऑपरेटर सुमित शर्मा को अपनी जान बीच सड़क पर गवानी पड़ गई.
जानकारी के अनुसार नगर पंचायत क्षेत्र के मालखा बाबा थाना के समीप एक तेज रफ्तार हाइवा ने उसे टक्कर मार दिया. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया. हालांकि इस घटना के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए तुरंत पश्चिम बंगाल के मालदा ले जाया गया. लेकिन शायद खुदा को यह मंजूर नहीं थी,और दर्द से तड़प-तड़प कर उसने जान गवा दिया.
घटना के बाद उठ रहे कई सवाल
लेकिन घटना के बाद यह सवाल उठता है कि राजमहल अनुमंडल कार्यलय व थाना के समीप से होकर आखिर कैसे ओवरलोडिंग गाड़ियों का परिचालन हो रहा है. क्या जिम्मेदार अधिकारियों के नाकामी के वजह से सड़कों पर मौत बनकर गाडियां दौड़ रही है. जबकि अगर हम राजमहल नगर पंचायत क्षेत्र पर स्तिथ अनुमंडलीय अस्पताल एवं स्कूलें और बाज़ार का भीड़-भाड़ इलाक़ा आता है. जिसमें हमेशा हज़ारों की संख्या में लोग सड़कों पर रहते हैं. जिस वक़्त ये हादसा होता है उस वक़्त अपने ऑफ़िस के कामकाज से ही सुमित शर्मा जा रहे थे. आज नगर पंचायत के इस लापरवाही के कारण ही उनके कर्मचारी की जान चली जाती है. महीने-महीने में केबल नगर पंचायत टोल टैक्स से ही लाखों की कमाई करने वाला नगर पंचायत इतना लापरवाह हो सकता है यह सवाल हर एक के मन में चल रहा है. नियमता ऐसे इलाकों में सुबह के वक़्त नो इंट्री लगा होना चाहिए. परंतु नगर पंचायत को केवल पैसे वसूलने का ही काम आता है. प्रशासनिक व्यवस्था किस प्रकार सही तरीक़े से काम करें इसमें नगर पंचायत पूरी तरीक़े से असफल नज़र आ रहा है. आए दिन ऐसी दुर्घटनाएँ इस क्षेत्र में हो ती रहती है. नगर पंचायत में नौ एंट्री नहीं लगे होने के कारण आज उनके ही एक कर्मचारी की जान चली गई.
रिपोर्ट: गोविन्द ठाकुर