☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

महुआ के फल-फूल की खुशबू से महकने लगा है साहिबगंज,जाने कैसे ग्रामीण बिना पूंजी के कमाते हैं लाखों का मुनाफा

महुआ के फल-फूल की खुशबू से महकने लगा है साहिबगंज,जाने कैसे ग्रामीण बिना पूंजी के कमाते हैं लाखों का मुनाफा

साहिबगंज(SAHIBGANJ):प्राकृतिक की गोद में बसे एक छोटा सा साहिबगंज जिला इन-दिनों महुआ फूल की खुश्बू से महक रहा है.आगे आपको बताये कि महुआ का सीजन साहिबगंज के लिए आर्थिक समृद्धि का सीजन माना जाता है.अप्रैल के अंत तक जिले भर में महुआ का बंपर उत्पादन होता है.इस कारण गांव से लेकर जंगल तक गुलजार रहता है.अनुमान लगाया जाता है कि इस माह के अंतराल में साहिबगंज जिले में लगभग करोड़ों रुपए से अधिक के महुआ का उत्पादन हो जाता है.इसके लिए ग्रामीणों को कोई पूंजी भी नहीं लगाना पड़ता है.

साहिबगंज में लाखों है महुआ के पेड़

दरअसल जिले में महुआ के पेड़ बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं.हालांकि महुआ के पेड़ की कोई अधिकारिक गिनती तो नहीं हुई है.लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि जिले भर में लगभग एक लाख से भी अधिक महुआ के पेड़ हैं.मार्च के अंतिम सप्ताह से महु आ के पेड़ में फल आने आरंभ हो जाते हैं.जो पूरा अप्रैल और मई के पहले सप्ताह तक महुआ का उत्पादन होता है.इस दौरान लगभग डेढ़ माह तक ग्रामीणों को अपने गांव में ही बेहतर रोजगार का साधन मिल जाता है.वहीं महुआ के सीजन को ग्रामीण बिना हल बैल की खेती मान ते हैं.ग्रामीणों का कहना है कि महुआ में लोगों को किसी प्रकार की कोई पूंजी नहीं लगानी पड़ ती है.यह पूरी तरह प्रकृति प्रदत्त है.महुआ का सीजन आने के बाद महुआ के पेड़ में फल लगते हैं और खुद ही फल डाली से टूट कर जमीन पर गिरते हैं.इस फल को ग्रामीण इकट्ठा कर कड़ी धूप में सुखाते हैं और फिर उसकी बिक्री कर देते हैं.

 कैसे ग्रामीण कमा लेते हैं लाखों रुपये

ग्रामीणों ने बताया कि महुआ के फसल से ग्रामीणों को काफी सहारा मिलता है.महुआ के फसल में नुकसान की कोई संभावना नहीं होती है.ग्रामीणों को थोड़ी मेहनत करने के बाद अच्छा मुनाफा हो जाता है.स्थानीय लोगो का कहना है कि महुआ का उत्पादन प्रत्येक वर्ष एक समान नहीं होता है.महुआ का फसल मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करता है.उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिस प्रकार मौसम का साथ मिल रहा है,उससे ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस वर्ष महुआ का बंपर उत्पादन होगा.इसका असर भी दिखने लगा है और कई पेड़ों से तो 15 दिन पहले से ही महुआ के फल गिरने लगे हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि एक पेड़ पर काम से कम 50 से 70 किलोग्राम से भी अधि क महुआ का उत्पादन होगा.वर्तमान में महुआ की कीमत लगभग 50 रुपए प्रति किलो बाजार में हैं.

शराब बनाने में काम आता है महुआ

साहिबगंज जिला में महुआ फूल सबसे अधिक शराब बनाने के काम में आता है-महुआ फूल को लेक र कई स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में सबसे अधिक महुआ का उत्पादन होता है.आगे ग्रामीणों के द्वारा बताया गया की हमलोग जंगल और गांव से महुआ जमा कर व्यवसायियों के पास बेचते हैं.बाद में व्यवसायी वर्ग के लोग महुआ को झारखंड से बाहर के मंडी में बेचते हैं.महुआ का सबसे बड़ा मंडी ओडिशा और बंगाल में माना जाता है.इसके अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी महुआ महूअ का निर्यात किया जाता है.वहीं स्थानीय व्यवसायी ग्रामीणों से 45 से ले कर 50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से महुआ की खरीदारी कर रहे हैं.बाद में इस महुआ को बड़े मंडी में ऊंचे दाम पर बेची जाती है.बताया कि महुआ का सबसे अधिक उपयोग शराब ब नाने के कार्य में किया जाता है.

रिपोर्ट गोविंद ठाकुर

Published at:17 Apr 2025 09:31 AM (IST)
Tags:mahua flower and fruitsmahua business in sahibganjtrending newsjharkhandjharkhand news jharkhand news todaysahibganjsahibganj news sahibganj news today
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.