दुमका (DUMKA) : दुमका समाहरणालय स्थित ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यालय में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई. जब एक महिला कर्मी की चीखने की आवाज कार्यालय स्थित सभी कर्मियों को मिली. जब सभी कर्मचारी वहां पहुंचे तो देखा कि चतुर्थ वग्रीय महिला कर्मी के साथ मार-पीट की गई है. जिससे वह बेहोस हो गई, फिलहाल बेहोसी की हालत में महिला कर्मी को इलाज के लिए फूलों झानों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिली जानकारी के अनुसार महिला की पिटाई का आरोप विभाह के पत्राचार लिपिक हरेंद्र दुबे पर लगा है.
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार पत्राचार लिपिक हरेंद्र दुबे ने चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मी टुंपा देवी को एक पत्र डिस्पेच करने को कहा. इस पर महिला कर्मी ने कहा कि अभी आए हैं, थोड़ी देर में कर देते हैं. इसी बात को लेकर दोनों में तकरार होने लगी. महिला का आरोप है कि हरेंद्र दुबे ने महिला कर्मी से शनिवार को कार्यालय नहीं आने का कारण पूछ बैठा और कहने लगा कि सीएल का आवेदन कहाँ है. बात इतनी बढ़ गयी कि आवेश में आकर पत्राचार लिपिक ने महिला कर्मी को धक्का मार दिया. इस अप्रत्याशित हमले से महिला फर्श पर गिरकर बेहोश हो गयी. जिसके बाद कार्यालय के अन्य कर्मी द्वारा बेहोसी की हालत में उसे इलाज के लिए फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है.
पहले भी किया गया प्रताड़ित
इस मामले में महिला के बेटे प्रमोद कुमार का कहना है कि पत्राचार लिपिक द्वारा पहले भी मां को प्रताड़ित किया जाता रहा है. मां ने इसकी शिकायत की थी लेकिन विभागीय मामला होने के कारण चुप रहे. लेकिन अब बर्दास्त के बाहर की बात हो गयी है. आरोपी पत्राचार लिपिक पर मामला दर्ज कराया जाएगा.
कार्यपालक अभियंता की अनुपस्थिति में कार्यालय रन क्षेत्र में तब्दील
इस बाबत पत्राचार लिपिक का पक्ष जानने जब ग्रामीण कार्य विभाग पहुचे तो कर्मी द्वारा बताया गया कि पत्राचार लिपिक घटना के बाद कार्यालय से जा चुका है. हमने इस मामले में जब विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील सिन्हा से मोबाइल पर बात की तो उन्होंने बताया कि विभागीय कार्य से देवघर आए है. फिलहाल घटना की जानकारी नहीं है. कार्यालय पहुच कर मामले की जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. घटना का कारण जो भी हो लेकिन इसे कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता. सरकारी विभाग में कार्यस्थल पर महिला कर्मी के साथ मार पीट की घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम होगी.
रिपोर्ट. पंचम झा