धनबाद (DHANBAD) : आवारा कुत्ते और लावारिस पशु से केवल धनबाद ही परेशान नहीं है, पूरा झारखंड परेशानी झेल रहा है. इतना ही नहीं झारखंड के माननीय भी इस से कम परेशान नहीं है. बुधवार के दिन धनबाद से लेकर रांची तक आवारा कुत्ते चर्चा में रहे. यह कुत्ते विधानसभा में सवाल बन गए. टुंडी विधायक मथुरा महतो का आरोप था कि बोकारो से कुत्ते पकड़ कर धनबाद में छोड़ दिया जाता है. विधानसभा में विधायक बिरंचि नारायण ने यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कुत्ता काटने की लगातार शिकायतें आ रही है. बोकारो भी इसमें पीछे नहीं है. मथुरा महतो सत्ता पक्ष के विधायक है ,जबकि बिरंची नारायण भाजपा के विधायक है. इधर, निरसा में बुधवार को कुत्ता काटा था मां को और वैक्सिंग लगा दी गई उसकी बेटी को. इसको लेकर खूब हंगामा मचा. यह सब हुआ निरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में.
कैसे हुई लापरवाही
पूनम देवी को 25 दिन पहले आवारा कुत्ते ने काट लिया था. उसका रूटीन वैक्सीनेशन निरसा सीएचपी में चल रहा था. चौथा एवं अंतिम सुई लेने के लिए पूनम अपनी 4 वर्षीय बेटी के साथ निरसा सीएचसी पहुंची थी. वहां स्वास्थ्य कर्मी ने वैक्सीन पूनम की जगह उसकी बेटी को लगा दिया. जब मां ने हल्ला शुरू किया तो स्वास्थ्य कर्मी वहां से भाग खड़ा हुआ. उसके बाद इसकी शिकायत की गई. कोयलांचल में तो आवारा कुत्ते और लावारिस पशु लोगों की जान ले रहे हैं. कुत्ते झुंड के झुंड इलाके में घूमते रहते हैं .कुछ दिन पहले ही गोविंदपुर में एक बच्ची को नोच कर मार डाला था. कुत्तों के बंध्याकरण के लिए धनबाद नगर निगम ने काम भी शुरू किया था लेकिन कितने कुत्तों का बंध्याकरण हुआ, इसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. उसी तरह से आवारा पशु भी काल बन गए हैं. हर चौक चौराहे, बाजार में लावारिस पशुओं का आतंक कायम है .लावारिस पशु कई लोगों की जान तक ले लिए हैं. फिर भी इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. वैसे विधानसभा में मंत्री ने आश्वासन दिया है कि कुत्तों को पकड़ने के लिए टीम लगाएंगे और उनका बंध्याकरण भी होगा. देखना है कि आवारा कुत्ते और लावारिस पशुओं से लोगों को छुटकारा कब मिलता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद