लोहरदगा(LOHARDAGA): लोहरदगा में 5 जून की देर रात चुनावी ड्यूटी से लौटे एक जवान ने हथियार के साथ रात भर हाई वोल्टेज ड्रामा किया.जहां पति पत्नी के बीच के विवाद को सुलझाने पहुंचे पड़ोस में रहने वाले पुलिस कर्मी धर्मेंद्र सिंह को पुलिस जवान आनंद सिंह मुंडा ने गोली मार दी.
अब आपको बताते हैं पूरा मामला
दरअसल आनंद सिंह मुंडा चुनाव की ड्यूटी से घर लौटा था.वह लोहरदगा में एसपी कोठी के पीछे किराए के मकान में रहता था. कुछ दिन के लिए उसकी पत्नी अपनी अपने बेटा बेटी के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने उसके साथ रहने आए थे. आनंद सिंह मुंडा जब ड्यूटी से लौटे तो उसने अपनी रायफल जमा नहीं की थी. घर पहुंचते ही किसी बात को लेकर उसकी पत्नी से विवाद हो गया,जिसके बाद राइफल लेकर ड्रामा करने लगा, और आरोपी पुलिस जवान ने अपनी पत्नी और बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया, जिसके बाद उसके बच्चे और उसकी पत्नी ने उसकी बिल्डिंग में रहने वाले अन्य पुलिसकर्मी को इसकी जानकारी दी और उन्हें बाहर निकालने के लिए रिक्वेस्ट किया.जैसे ही मदद करने के लिए अन्य पुलिसकर्मी उसकी पत्नी के पास आया वैसे ही पुलिस आनंद सिंह ने धर्मेंद्र सिंह को गोली मार दी. जिससे धर्मेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई.
लोहरदगा पुलिस जवान ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है
वहीं लोहरदगा पुलिस जवान ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है.वहीं मृतक जवान धर्मेन्द्र सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया है.पति पत्नी के बीच के विवाद को सुलझाने का प्रयास करने के गए एएसआई धर्मेन्द्र सिंह को आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा ने इंसास से गोली मार दी थी. घटना के बाद पूरी रात एसपी हारिश बिन जमां पुलिसकर्मियों के प्रयास से आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा को हथियार के साथ गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया, लेकिन यह सफलता सुबह जाकर पुलिस को मिली. चुनावी ड्यूटी करने के बाद हथियार जमा नहीं कराना एक पुलिस जवान के लिए महंगा पड़ गया.
पढ़ें पीड़ित परिजनों ने क्या आरोप लगाये है
पीड़ित परिवार का आरोप है कि मानसिक रूप से विक्षिप्त जवान को ड्यूटी के नाम पर इंसास राइफल कैसे दी गई.यदि दी गई तो चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद उसे वापस क्यों नहीं लिया गया.जवान हथियार लेकर अपने घरों में कैसे जा रहे हैं.साथ ही जब घटना रात 8 बजे की है तो फिर रात भर आरोपी को बचाने का प्रयास क्यों किया गया. रणनीति बनाकर पुलिस ने आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा को क्यों नहीं गिरफ्तार किया.
परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है
वहीं आपको बताये कि रात के 12.15 बजे गंभीर रूप से घायल जवान धर्मेन्द्र सिंह ने फोन कर 4 मिनट 58 सेकेंड बात कर वर्तमान स्थिति की जानकारी दी थी फिर भी उसे नहीं बचाया जा सका. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.शव को पोस्टमार्टम के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल लाया गया है और आरोपी जवान को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.