धनबाद(DHANBAD): झारखंड बनने के बाद भी एक बार रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. आदमी रांची का था लेकिम मामला धनबाद से जुड़ा हुआ था. यह रेड कॉर्नर नोटिस रांची के किसी करतार सिंह के नाम से जारी हुआ था. वह पकड़ में आया अथवा नहीं, इसकी पक्की सूचना नहीं मिल रही है. लेकिन नोटिस जारी कराने का श्रेय भी धनबाद के खाते में ही गया था. दरअसल, यह नोटिस फायरिंग और रंगदारी के लिए नहीं जारी की गई थी. धनबाद के एसबीआई मुख्य ब्रांच में कटे-फटे नोटों का एक बड़ा घोटाला हुआ था. राशि लगभग ढाई करोड़ की थी. धनबाद में हुआ यह मामला 2004 में पकड़ में आया था. दरअसल घोटाला जो किया गया, उसका तरीका बड़ा ही दिलचस्प था.
घोटाला करने का तरीका दिलचस्प था
कटे -फटे नोटों की जगह कागज के टुकड़े उसी आकार में लगाकर बंडल बना दिए जाते थे और फिर कटे- फटे नोटों के लिए रांची से पहुंचने वाला करतार सिंह बैंक कर्मचारियों को गड्डी दे देता था. फिर वह नई गड्डी लेकर चला जाता था. यह क्रम कई वर्षों तक चला. जब धनबाद के मुख्य ब्रांच से कटे- फटे नोटों के बंडल को बक्से में भरकर पटना भेजा गया तो किसी कारण वश वहां स्वीकार नहीं हुआ. नोटों का बक्सा फिर धनबाद लौट आया. यहां जब बक्सा खोला गया और जांच की गई तो एजीएम सहित बड़े अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए. तुरंत इसकी सूचना एसबीआई के इंटरनल विजिलेंस को दी गई. उसके बाद यह मामला सीबीआई तक पंहुचा. एसबीआई के चार कर्मचारियों सहित अन्य लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया. मामले की जांच शुरू की गई. जानकारी के अनुसार एसबीआई के चार कर्मचारियों को, जो इस मामले में आरोपी थे, बर्खास्त कर दिया गया था. 4 में से एक की मौत हो गई है तीन अभी भी जीवित है. सीबीआई ने जब जांच आगे बढ़ाया तो करतार सिंह की खोज के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया. कई देशों में उसकी खोज भी हुई.
उस वक्त झारखण्ड में कटे -फटे नोटों का धंधा जोरों पर था
सूत्र बताते हैं कि उस वक्त कटे -फटे नोटों का धंधा जोरों पर था. रांची में एक जगह कटे- फटे नोट इकट्ठे किए जाते थे, फिर बंडल बनाया जाता था. बंडल के ऊपर और नीचे कुछ पुराने नोट रख दिए जाते थे और बीच में कागज के टुकड़े भर दिए जाते थे. उस समय नोटों को सील करने की प्रथा थी. इस घटना ने बैंकिंग व्यवस्था में तहलका मचा दिया और संभवत उसी के बाद से यह व्यवस्था बनी कि नोटों का बंडल अब सील नहीं किये जाएंगे . नोटों के बंडल खुले रहेंगे. और बिना गिनती के नोट न लिए जाएंगे और न दिए जाएंगे. बहरहाल फिलहाल वासेपुर के प्रिंस खान की खोज के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इस नोटिस ने धनबाद को फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया है और कलंक का टीका वासेपुर के माथे पर लगा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो