धनबाद(DHANBAD): धनबाद की धरती ठग,लुटेरों,रंगदारी से कराह रही है. धरती के भीतर कोयला के रूप में कुछ भी भष्म करने की ऊर्जा है तो बाहर शातिर दिमाग ठग, लुटेरों, अपराधियों की भरमार है. गिरिडीह से पांच करोड़ रुपए की हुई लूट के मामले में धनबाद के गोविंदपुर के गिरोह की भूमिका का खुलासा होने के बाद यह बात पूरी तरह से साबित हो गई है.
21 जून की रात लूट की घटना को दिया था अंजाम
लूटी गई रकम में से लगभग सवा तीन करोड़ रुपए बरामद कर लिए गए हैं. यह रकम किसी के ससुराल में थी तो किसी के घर में रखी हुई थी. यह बात अलग है कि इसके लिए पुलिस को मुंबई तक की दौड़ लगानी पड़ी और वहां से भी नगदी बरामद किए गए हैं. जिस तरह से लूट की घटना को अंजाम दिया गया है, वह पूरी पटकथा फिल्मी है और पूरा जानने, समझने के बाद कोई भी आश्चर्य व्यक्त कर सकता है. रिकवरी एजेंट की आड़ में जिस तरह धनबाद के लोग गैंग चला रहे हैं, यह एक नए ढंग के अपराध का तरीका है. 21 जून की रात लूट की घटना हुई थी. घटना को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने चार, 6 महीने का इंतजार किया और उसके बाद राशि लूटी .
अब तक की छापेमारी में सवा तीन करोड़ रुपए बरामद
सूत्रों के अनुसार रिकवरी का काम करने वालों ने इस कार को महीनों पहले बरही में रोकी थी. कार में कुछ रुपए थे. उसके बाद कारोबारियों को ब्लैकमेल कर 2 दिन तक बरही में रोक रखा था. कुछ रकम लेकर कार को छोड़ दिया. लेकिन इसी बीच उस कार में अपना एक जीपीएस लगा दिया. उसके बाद कार रिलीज कर दी गई. जीपीएस लगाने के बाद कुछ दिनों तक लुटेरों ने इंतजार किया. उसके बाद कार को लगातार ट्रैक करने लगे. 21 जून की रात गाड़ी की मूवमेंट जैसे ही गिरिडीह से बंगाल की ओर मिली, रिकवरी एजेंट सक्रिय हो गए. धनबाद के गोविंदपुर के चार आरोपियों के साथ मिलकर बरही के दो युवकों ने कार रोककर लूटपाट की. अब तक की छापेमारी में पुलिस को सवा तीन करोड़ रुपए बरामद हो गए हैं. हालांकि इस घटना का एक और मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है. आरोपियों के मुताबिक उसके पास 1.5 करोड़ से अधिक हैं. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.
पूरी घटना
बता दें कि राजस्थान नंबर की क्रेटा कार से गुजरात के दो कारोबारी पटना की एक कंपनी से पांच करोड़ रुपए लेकर कोलकाता जा रहे थे. 21 जून की रात को स्कॉर्पियो में सवार अपराधियों ने ओवरटेक कर कार में रखे रुपए लूट लिए थे. मोबाइल भी छीन लिया गया था. मारपीट कर बीच रास्ते में उन्हें छोड़ दिया गया था. 22 जून की सुबह घटना की जानकारी जमुआ पुलिस को दी गई. जिस समय जमुआ पुलिस को सूचना मिली उस समय यह मामला पूरी तरह से डार्क केस था. लेकिन पुलिस को सूचना मिली कि कार लावारिस पड़ी हुई है ,तो कार को बरामद किया और उसकी गहनता से जांच हुई. जांच के दौरान कार में दो जीपीएस लगे मिले. दूसरे जीपीएस के बारे में कारोबारियों को कोई जानकारी नहीं थी. यही से पुलिस को पहला सुराग मिला. जब पुलिस ने लूटे गए दोनों व्यापारियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि महीनों पहले बरही में कार को रोका गया था. इसके बाद ही पुलिस सक्रिय हुई और प्याज के छिलके की भांति परत दर परत मामले का खुलासा होता गया. आरोपियों की गिरफ्तारी और रकम की बरामदगी के लिए पुलिस को कोलकाता, धनबाद, गिरिडीह और मुंबई में छापेमारी करनी पड़ी. धनबाद के गोविंदपुर के पकड़े गए आरोपियों का इतिहास भूगोल पुलिस खंगाल रही है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो