धनबाद(DHANBAD) : पूरी कहानी जानकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बिहार के इस लक्ष्मी कुमारी की कहानी बिहार से शुरू होकर बंगाल होते हुए तामिलनाडु पहुंचती है और फिर तामिलनाडु से झारखंड आती है. झारखंड के बोकारो में उसकी निर्मातापूर्वक हत्या के बाद कहानी खत्म हो जाती है. हत्या का आरोपी भी कोई और नहीं, बल्कि उससे शादी करनेवाला बोकारो का रोहित महतो निकलता है. हत्या करने के बाद रोहित ने महिला की लाश को बोकारो के एक खंडहर नुमा भवन में फेंक कर भाग गया था. यह खंडहर नुमा भवन रेलवे का बताया जाता है.
19 जनवरी को पुलिस ने महिला के शव को बरामद किया था. केस पूरी तरह से ब्लाइंड था. फिर जब पुलिस स्पेशल टीम बनाकर जांच शुरू की, तो प्याज के छिलके की भांति परत दर परत मामले खुलते चले गए. महिला की शादी पहले कोलकाता में हुई थी. कोलकाता में वह पति को छोड़कर तामिलनाडु चली गई. फिर वहां एक फैक्ट्री में काम करने लगी. उसी जगह पर बोकारो का रहने वाला रोहित महतो भी काम करता था. दोनों में प्रेम हुआ और दोनों सितंबर 2024 में विवाह कर लिया. रोहित महतो ने इस बात को अपने घर वालों से छुपा कर रखी थी. कहा तो यह भी जाता है की लड़की गर्भवती थी. शादी के बाद लक्ष्मी कुमारी लगातार रोहित पर दबाव डाल रही थी कि वह अपने माता-पिता के पास लेकर चले. जब लड़की अधिक दबाव बनाई तो रोहित महतो ने योजना बनाई कि बोकारो ले जाकर उसकी हत्या कर देगा.
इसी को लेकर 17 जनवरी को एलेप्पी एक्सप्रेस से दोनों बोकारो पहुंचे. उसके बाद रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूर रेलवे के खंडहर भवन में ले जाकर पहले गला घोट कर उसकी हत्या कर दी. दुपट्टे से दोनों हाथ बांधकर शौचालय में फेंक दिया. फिर लाश को बोरे से ढक दिया. पुलिस जांच को भटकाने के लिए महिला के बैग से कपड़े निकाल कर इधर-उधर फेंक कर चाचा के घर चला गया. पुलिस को जब 19 जनवरी को लाश बरामद हुई तो पुलिस सक्रिय हुई. जांच के क्रम में रेलवे स्टेशन के फुटेज में आरोपी मृतका के साथ स्टेशन से बाहर आते देखा गया. यही से पुलिस को लीड मिली और पुलिस हत्यारे तक पहुंच पाई. बोकारो एसपी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और कहा कि बोकारो पुलिस ने कड़ी मेहनत कर ब्लाइंड केस को बहुत जल्द सुलझा लिया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो