धनबाद(DHANBAD): धनबाद रेल मंडल भले ही कमाई में देश का नंबर वन है, लेकिन यह अपने कर्मचारियों को सही इलाज नहीं दे पा रहा है. धनबाद रेल मंडल जुड़े अस्पतालों का भुगतान नहीं कर पा रहा है. स्थिति यह हो गई है कि दुर्गापुर मिशन अस्पताल अब धनबाद रेलवे अस्पताल से रेफर किए गए लोगों का इलाज नहीं कर रहा है. यहां तक कि गए मरीजों को वापस तक कर दिया जा रहा है. वैसे भी पिछले कुछ महीनो से मंडल रेल अस्पताल के डॉक्टर रेल कर्मी अथवा उनके आश्रितों को मिशन अस्पताल रेफर करने से परहेज कर रहे है. किसी दबाव के कारण अगर कुछ को रेफर भी किया गया तो उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया.
बीमारों की पहली प्राथमिकता होती है दुर्गापुर
धनबाद रेल मंडल के कर्मचारी और आश्रितों के लिए दुर्गापुर पहली प्राथमिकता होती है. बीमारी बढ़ने पर रेलकर्मी डॉक्टर से दुर्गापुर मिशन अस्पताल रेफर करने की मांग करते है. हाल के दिनों में किसी विशेष स्थिति की बात छोड़ दिया जाए, तो सामान्य मरीज को दुर्गापुर रेफर नहीं किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार दुर्गापुर अस्पताल का एक करोड़ 22 लाख रुपया बकाया है. अस्पताल का भुगतान सितंबर "2022 से ही नहीं किया गया है. इसको लेकर कई बार पत्राचार भी किये गए. लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला.
भुगतान को लेकर रेलवे और दुर्गापुर मिशन अस्पताल में खींचतान
भुगतान को लेकर रेलवे और दुर्गापुर मिशन अस्पताल में चल रहे खींचतान का खामियाजा रेलकर्मी भुगत रहे है. इतना ही नहीं ,धनबाद रेल मंडल के कर्मचारी, पेंशनर और उनके आश्रितों को इलाज के लिए धनबाद जिले में भी कई निजी अस्पतालों से एमओयू किया गया है. इन अस्पतालों का भी बकाया है. सूत्रों के अनुसार धनबाद के अशर्फी अस्पताल का तीन करोड़ रूपया से अधिक बकाया है. जबकि जालान अस्पताल का भी एक करोड रुपए का रेलवे ने भुगतान नहीं किया है. रेलवे ने रेल कर्मी, उनके आश्रितों तथा पेंशनरों को बेहतर इलाज के लिए कई अस्पतालों से करार किया है. इनमें धनबाद के भी कई अस्पताल शामिल हैं ,तो कुछ बाहर के भी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो