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केंद्र और राज्य सरकारों की लड़ाई में कैसे फंस सकती है कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया, पढ़िए इस रिपोर्ट में

केंद्र और राज्य सरकारों की लड़ाई में कैसे फंस सकती है कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया, पढ़िए इस रिपोर्ट में

धनबाद(DHANBAD): केंद्र और झारखंड में एक बार फिर ठन जाने की जमीन तैयार हो गई है. मुद्दा बना है 1.36 लाख करोड़ बकाया का. केंद्र सरकार कहती है कि झारखंड का कोई बकाया नहीं है. जबकि झारखंड सरकार का दावा है कि 1.36 लाख करोड़ रूपया बकाया है. संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बिहार के सांसद पप्पू यादव के सवाल पर कहा है कि कोयले के राजस्व मद में झारखंड का कोई बकाया नहीं है. इसके बाद झारखंड सरकार कार्रवाई के मूड में दिख रही है. 15 दोनों का अल्टीमेटम दे दिया गया है.

झामुमो ने राज्य से कोयला रोकने की दी चेतावनी 

झामुमो ने राज्य से कोयला रोकने की चेतावनी दे दी है. अगर यह अमल में आया, तो कोल इंडिया लिमिटेड बीच में फंसेगी. झामुमो ने कहा है कि झारखंड से एक ढेला कोयला बाहर जाने नहीं दिया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भाजपा सांसदों से अपील की है कि बकाया दिलाने में राज्य सरकार की मदद करें. बकाया रॉयल्टी को लेकर झारखंड सरकार अब आर पार के मूड में दिख रही है. झामुम के महासचिव ने साफ कह दिया है कि कोयला हमारा है. इस पर झारखंड के लोगों का हक है. ऐसे में बकाया नहीं मिलने पर एक ढेला कोयला बाहर नहीं जाने दिया जाएगा.भाजपा नेता और कोल इंडिया के अधिकारी समझ ले कि बकाया मिलेगा, तभी खदानों में फावड़ा चलेगा. इसके अलावे यह मामला कानूनी चौखट पर भी जा सकता है. राज्य सरकार ने इस पर लगभग निर्णय ले लिया है.

झामुमो केंद्र पर गलत आरोप लगा रहा है: बाबूलाल मरांडी

इधर, भाजपा का कहना है कि झामुमो भ्रामक आरोप लगा रहा है .भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो केंद्र पर गलत आरोप लगा रहा है.झामुमो के पास प्रमाण है, तो तथ्यों को सामने रखें. बता दें कि पिछले 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे के ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तर्क व तथ्य के साथ राज्य के हक और अधिकार के लिए एक खुला पत्र जारी किया था. जिसमें किस मद  में कितना बकाया है. यह बताया गया था. अपील की गई थी कि यह राशि जल्द से जल्द झारखंड को दी जाए. झारखंड के राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक  बिरुवा ने कहा है कि झारखंडियों के हक और अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.

केंद्र सरकार झारखंड का पैसा हड़पने की कोशिश कर रही: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

इधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की ओर से झारखंड की जनता के 1.36 लाख करोड रुपए बकाया की मांग को ठुकराना, उनकी नियत में आई खोट को उजागर करता है. झारखंड में चुनाव हारने के बाद भाजपा सभी सीमाएं पार कर रही है. झारखंडी जनता द्वारा नकारे जाने को प्रधानमंत्री पचा नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि हार का गुस्सा जनता पर निकालने के लिए झारखंड का पैसा हड़पने की केंद्र सरकार कोशिश कर रही है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने क्या कहा

इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है कि सर्वप्रथम झारखंड की जनता को झामुमो का बकाया राशि का वर्ष वार विवरण जारी करना चाहिए. यह बताना चाहिए कि जिस समय शिबू सोरेन कोयला मंत्री थे, उस समय अगर कोयल की रॉयल्टी का कोई बकाया राशि बची थी, तो उन्होंने कितना पैसा झारखंड को दिलवाया. उन्होंने गठबंधन दलों से यह भी जानना चाहा है कि 10 वर्ष तक यूपीए सरकार जब शासन कर रही थी, तो उस समय का कितना बकाया था और उस बकाया राशि में कितने का झारखंड को भुगतान हुआ. जो भी हो लेकिन यह मामला अब तूल पकड़ेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.  केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में कोल इंडिया फेर में ना फंस जाए, यह देखने वाली बात होगी. झारखंड में कोल इंडिया की चार इकाइयां संचालित हैं. इनमें बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल और सीएमपीडीआईएल शामिल है. बात इतनी ही नहीं है ,देश में निजी कंपनियों को जो 14 कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, उनमें 10 झारखंड में है. अगर झारखंड में कोयल का खनन और ढुलाई का पहिया थम गया, तो कोल इंडिया को परेशानी हो सकती है.

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो 

Published at:18 Dec 2024 10:20 AM (IST)
Tags:Jharkhand newsDhanbad news Coal India Coal in jharkhand coal producing company Central government vs state government Hemant soren Pm modiBabulal marandi BjpJMM Political news Politics Jharkhand politics
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