धनबाद(DHANBAD): प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार को धनबाद में थी. इस वजह से धनबाद में दिनभर हलचल रही. प्रमोद सिंह और उन के संबंधियों -करीबियों के घर हुई छापेमारी को एनआरएचएम की योजनाओं में हुई वित्तीय गड़बड़ी से जोड़ा जा रहा है. प्रमोद सिंह और उन के करीबियों के कोयले की कमाई का हिसाब भी अब जांच के दायरे में आएगी. ईडी की टीम ने प्रमोद सिंह की गाड़ी जब्त कर अपने साथ ले गई है. मतलब है कि अब प्रमोद सिंह की गिरफ्तारी भी हो सकती है. धनबाद का प्रमोद सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए है.
2016 से लेकर 2024 तक कई खुलासे हो चुके है
2016 से लेकर 2024 तक कई खुलासे हो चुके है. 2016 में निगरानी ब्यूरो ने प्रमोद सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया था. निगरानी ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया था. उस समय प्रमोद सिंह झरिया सह जोड़ापोखर ब्लॉक एकाउंट्स के पद पर कार्यरत थे. इस घोटाले में ईडी जिन- जिन लोगों के ठिकानों पर गई, सभी एनआरएचएम या प्रमोद सिंह से सीधे तौर पर जुड़े रहे है. प्रमोद सिंह के घर से ईडी ने कागजात भी जब्त किया है. हो सकता है कि उसकी जांच पड़ताल के बाद नोटिस देकर प्रमोद सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया जाये. गुरुवार की सुबह पौ फटते ही ईडी की अलग-अलग टीम प्रमोद सिंह सहित करीबियों के ठिकानों पर पहुंची. लगभग 16 घंटे तक छापामारी हुई.
प्रमोद सिंह के एक करीबी के घर से भारी मात्रा में नगद की चर्चा
चर्चा तो यह भी है कि ईडी की टीम को प्रमोद सिंह के एक करीबी के घर से भारी मात्रा में नगद बरामद हुआ है. लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है. जांच में यह बात भी सामने आई है कि एनआरएचएम के फंड का दुरुपयोग करते हुए प्रमोद सिंह ने 6 करोड रुपए से अधिक की अवैध कमाई की है. सरकारी फंड को अपने पारिवारिक और परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया. इसके बाद पैसों को निकलवा कर कैश हासिल किया. जांच में यह भी बात सामने आई है कि इन पैसों से महंगी गाड़ियां भी अपने सहयोगी और परिचितों के नाम पर प्रमोद सिंह ने खरीदी. इन गाड़ियों का इस्तेमाल प्रमोद सिंह करते थे. जो भी हो लेकिन प्रमोद सिंह धनबाद में चर्चा के केंद्र बिंदु में आ गये है. आगे क्या-क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी. इधर, यह सूचना छनकर आ रही है कि प्रमोद सिंह को ईडी की टीम ने अपना पक्ष रखने के लिए 11 जुलाई को रांची बुलाया है. देखना है प्रमोद सिंह आगे क्या करते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो