धनबाद(DHANBAD): तस्वीर में दिख रही यह लक्ष्मी देवी भाग्यशाली रही, कि उसकी जान बच गई. अन्यथा गोफ में तो वह समा ही गई थी. उसकी हिम्मत, साहस और चतुराई के आगे मौत हार गई. दरअसल, धनबाद में इस साल रिकॉर्ड बारिश हुई है. बारिश की वजह से कोलियरी इलाकों में जगह-जगह गोफ बन रहे है. देर से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह महुदा के मुरलीडीह नीचे टोला में एक घर के ठीक आगे बड़ा आकार का गोफ बन गया. महिला उस समय दरवाजे पर झाड़ू दे रही थी. जमीन धसने से वह भी उसमें समा गई. लेकिन शोर मचाने के बाद उसकी जान बच गई. गोफ का आकार देखकर कोई भी डर जाएगा. जब गोफ में मिट्टी की भराई शुरू की गई, तो पानी रिसने लगा.
वहां पहुंचे कोयलाकर्मियों ने जब धंसी मिट्टी को नापा, तो उनके होश उड़ गए. एक पूरा बांस उस गड्ढे में समा जा रहा था. मिट्टी भराई से अगल-बगल के घरों में पानी रिसने लगा. इसके बाद ग्रामीणों ने विरोध किया तो मिट्टी भराई का काम रोक दिया गया. जहां मिट्टी धंसी है, वहां अगल-बगल रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने की मांग कर रहे है. कोलियरी क्षेत्र का हाल तो यह हो गया है कि कब कहां जमीन फट जाए, घर जमींदोज हो जाए, सड़क गड्ढे में समा जाएं, कोई कह नहीं सकता है. जगह-जगह ऐसी घटनाएं हो रही है. मधुबन थाना के पीछे महेशपुर फुटबॉल मैदान में लगातार गोफ होने से ग्रामीणों में दहशत है.
इधर, निरसा थाना क्षेत्र के पिट्ठाकियारी पांडे टोला में भी जोरदार आवाज के साथ जमीन फटने से गोप बन गया है. कई घर क्षतिग्रस्त हुए है. अग्नि प्रभावित भौरा 4 ए पैच परियोजना के समीप से गुजरी कच्ची सड़क में भी गोफ बन गया है. भारी मात्रा में गैस का रिसाव हो रहा है. इधर, महुदा की घटना ने तो सबको चौंका दिया है. हालत यह है कि कोलियरी क्षेत्र में जाने से अब लोग डरने लगे है. लेकिन मजबूरी देखिए- कि खतरनाक इलाके में भी लोग जान जोखिम में डालकर रह रहे है. उनके जीवन पर हर मिनट- सेकंड खतरा बना हुआ है. सवाल उठता है कि वह जाए तो कहां जायँ. संशोधित झरिया मास्टर प्लान को अभी अनुमति मिलने का इंतजार है. इस वजह से पुनर्वास का काम भी लगभग ठप है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो