धनबाद(DHANBAD): बिहार में अवैध बालू खनन को लेकर सरकार की नींद अब टूटी है. अगर आदेश- निर्देशों का पालन हुआ तो बालू के अवैध खनन की सूचना देने वाले लोगों की गोपनीयता मेंटेन करते हुए सम्मानित किया जाएगा. साथ ही बिहार में बालू खनन की निगरानी अब ड्रोन से होगी. घाटों की चौहद्दी की निगरानी की जाएगी. जिससे कि अवैध खनन का पता चल सके. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बरसात के बाद 15 अक्टूबर से बालू खनन का काम शुरू होगा. सरकार का दावा है कि पिछले साल की तुलना में राजस्व में 80% की वृद्धि हुई है.
15 अक्टूबर से शुरू होगा बालू का खनन
15 अक्टूबर से शुरू हो रहे बालू खनन को लेकर बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी घाटों पर एवं जिला कार्यालय में बैनर लगाए जाएंगे, ताकि खनन कार्यों की पारदर्शिता बनी रहे. जिन घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गई है, वहां सरकारी बैनर लगा दिए जाएंगे. जिससे कि अवैध खनन होने पर कार्रवाई की जा सके. सरकार ने संबंधित थानों के पुलिस निरीक्षक को भी अवैध बालू खनन होने पर जिम्मेवार बनाने का निर्णय लिया है. खैर, जो भी हो बिहार का "पीला सोना" लोगों को राजा बना रहा है. सिर्फ बिहार के लोग ही नहीं, दूसरे प्रदेशों के लोग भी बिहार की नदियों से "सोना" निकालकर राजा बन रहे है. धनबाद के तो कई बालू कारोबारी फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद बेउर जेल पहुंच गए है. धनबाद में रहकर बालू का काम बिहार में करते थे. बहुत दिनों तक तो इनका धंधा बेधड़क चलता रहा.
250 करोड़ के घोटाले को लेकर धनबाद के कई बेउर जेल में
लेकिन जब बिहार के कई थानों में अवैध बालू कारोबारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए, तो प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें आधार बनाकर जांच शुरू की और लगभग 250 करोड़ के घोटाले को लेकर धनबाद में कई बार छापेमारी की. लोगों को गिरफ्तार किया. अब देखना है कि बिहार सरकार ने जो निर्णय लिया है, उससे बालू के अवैध खनन पर कितना रोक लग पाता है. सरकार के आदेश का कितना अनुपालन होता है,यह भी देखने वाली बात होगी. अवैध खनन नहीं रुकने पर कितने पुलिस निरीक्षकों पर कार्रवाई की जाती है, कितने और घनपशुओं को जेल भेजा जाता है. वैसे बालू के कारोबार को लेकर झारखंड पूरी तरह से बिहार से जुड़ा हुआ है. कारोबार होता है बिहार में और उसका हिसाब- किताब रखा जाता है झारखंड के धनबाद में. अब देखना है कि बिहार सरकार जब सचेत हुई है तो अवैध कारोबार पर किस हद तक पाबंदी लगाने में सफल होती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो