खूंटी (TNP Desk) : सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जगह-जगह पर स्पीड ब्रेकर लगाया जाता है, जिसे आम तौर पर ठोकर कहा जाता है. ताकि लोग आराम से ठोकर को पार कर सके. लेकिन ये गति अवरोधक ही दुर्घटनाओं का सबब बन जाए, तो इसे क्या कहा जाए. सड़कों पर बेतरतीब ढंग से बनाये गये स्पीड ब्रेकर लोगों की हंसती खेलती जिंदगी में मौत का ब्रेक लगा रहा हैं.
28 किमी की दूरी में 28 से अधिक गति अवरोधक
हम बात कर रहे हैं खूंटी जिले की, जहां जिले में कई ऐसी सड़कें दिख जाएंगे, जहां भारी संख्या में जगह-जगह पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण कर दिया गया है, जो आये दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है. अगर हम खूंटी से तोरपा जाते हैं तो उसकी दूरी करीब 28 किलोमीटर है. इन 28 किमी की दूरी में 28 से अधिक गति अवरोधक बना दिया गया है. इसके कारण आये दिन लोग काल के गाल में समा रहे हैं. कुछ दिन पहले ही तोरपा के दो शिक्षक निर्णय सिंधु बेंहरा और मुस्कु बड़ाईक इन बेतरतीब स्पीड ब्रेकर के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. जिसके कारण उनका परिवार ही बिखर गया.
इन जगहों पर बनाया गया है स्पीड ब्रेकर
खूंटी और तोरपा के बीच 28 किलोमीटर में 28 से अधिक अधिक ठोकर बनाये जाने का औचित्य लोगों की समझ से परे है. लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं इतनी ज्यादा गति अवरोधक बनाने की क्या जरूरत है. कई गर्भवती महिलाएं भी इसका शिकार हो चुकी है. तोरपा से खूंटी के बीच ठोकरों की गणना करें तो कुजंला गांव के पास दो और मुंडा कुंजला गांव के पास दो ठोकर बनाये गये हैं. इसी प्रकार रिलायंस पेट्रोल पंप के पास दो, बनई नदी के दोनों छोर पर दो, बिचना गांव के पास दो, अंगराबारी में तीन, डोडमा में तीन, चुरगी पेट्रोल पंप के पास एक, दियांकेल गांव के पास एक, तोरपा रेफरल अस्पताल के पास एक, देवी मंडप के पास एक, नगर भवन के पास एक, स्टेट बैंक के पास एक, पोस्ट ऑफिस के पास एक, तोरपा थाना के पास एक, प्रखंड कार्यालय के पास एक, कर्रा रोड के पास दो और तोरपा पेट्रोल पंप के पास दो ठोकरों का निर्माण कराया गया है.
मानकों का नहीं किया गया पालन
सड़कों पर बने गति अवरोधकों के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मामले पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य संतोष जयसवाल ने कहा कि ठोकरों के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया है. इसके कारण दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही है. तोरपा के व्यवसायी ने बताया कि जहां स्पीड ब्रेकर बनाये जाते हैं, वहां रंबल स्ट्रीप सहित कई तरह के संकेत दिये जाने का प्रावधान है, पर इस ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं गया है. मानक के अनुरूप गति अवरोधकों का निर्माण होना चाहिए. जिससे दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सकती है.
क्या कहता है नियम
भारतीय सड़क कांग्रेस (आइआरसी) के अनुसार, आदर्श स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई दस सेंटीमीटर, पैरा बॉलिक लंबाई 3.7 मीटर होनी चाहिए. चालकों को सचेत करने के लिए स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए, ताकि गति नियंत्रित हो सके. स्पीड ब्रेकर पर सफेद और काले पेंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात को भी चालकों को ठोकर आसानी से दिख जाए.