रांची (RANCHI) : झारखंड में मानव तस्करी धड़ल्ले से चल रहा है. हालांकि पुलिस कई मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती है. लेकिन इसके बावजूद भी मानव तस्करी बड़े आराम से राज्य में अपना पांव पसार रहा है. कई बार पीड़ित परिवार थाना में इसकी शिकायत करता है. जिस कारण मामला प्रकाश में आता है. लेकिन कई बार यह मामला उजागर भी नहीं होता है. ऐसा ही मानव तस्करी का मामला रांची के धुर्वा थाना से सामने आया है. जहां एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को मानव तस्करों ने काम दिलाने के बहाने दिल्ली में बेच दिया. फिलहाल इस मामले में लड़की के भाई ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट थाना में केस दर्ज किया है.
नाबालिग ने फोन कर अपने भाई को दी जानकारी
इस मामले में नाबालिग के भाई ने एएचटीयू को बताया है कि उसकी बहन को 6 दिसंबर 2021 को एक महिला औऱ कुछ लोग अपने साथ काम दिलाने के बहाने ले गये थे. इसके बाद उसे तीन दिन एक कमरे में बंद कर रखा. फिर उसे दिल्ली ले जाया गया. नाबालिग के मानव तस्करी की शिकायत होने की जानकारी उसके भाई को तब मिली, जब नाबालिग ने किसी तरह मोबाइल फोन पर अपने भाई को बताया कि वह दिल्ली में आदर्श नगर शनिचरिया रोडसी-7 में काम करती है. उसे घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता है. इस कारण वह घर लौट नहीं पा रही है. यह भी कहा कि जब घर के मालिक बाहर जाते है. तब उसे जबरन घर में बंद कर दिया जाता है.
इस घटना के बाद नाबालिग के भाई ने सामाजित संस्था चाइल्ड राइट फाउंडेशन से संपर्क किया. जिसके बाद संस्या की मदद से धुर्वा थाना में इसकी शिकायत की गयी. लेकिन मामला मानव तस्करी से जुड़ा होने के कारण मामला कोतवाली थाना परिसर स्थित एएचटीयू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. फिलहाल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग युनिट थाना की पुलिस दिल्ली जाने की तैयारी कर रहा है.
झारखंड में मानव तस्करी का मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में पिछले पांच साल में 1574 लोग मानव तस्करी के शिकार हो चुके हैं. वर्ष 2017 से लेकर 2022 के अंत तक मानव तस्करी के कुल 656 मामले प्रकाश मे आए है. इनमें मानव तस्करी के शिकार की संख्या 1574 थी. वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के मानव तस्करी के शिकार युवकों की संख्या 332 और 18 वर्ष या उससे अधिक की संख्या 216 थी. लेकिन दिन प्रतिदीन यह आकड़ा बड़ाता जा रहा है. जो की प्रशासन के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. क्योंकि यह मामला शहर के साथ ही गांव देहात हर इलाका प्रभावित होता है.
जाल बिछाकर तस्कर महिलाओं को फंसाते है अपने जाल में
मानव तस्करी के लिए बड़े पैमाने पर तस्कर अपना जाल बिछाते हैं. इसके लिए तस्कर पहले ग्रामीण इलाकों में जाकर एक परिवार को टारगेट करते है. तस्कर वैसे लोगों को टारगेट करते है जो गरिब तब्के के लोग हैं या फिर उनके घर में लोग कम पढ़े लिखे हो. उन्हें ये तस्कर पैसे और अच्छे काम का लालच देकर ले जाते हैं. फिर बड़े शहरों में उन्हें बेच दिया जाता है. और जबर उनसे गलत काम कराया जाता है. साथ ही फोन का भी इस्तेमाल करने नहीं देते जिस वजह से वह अपने घर में इसकी जानकारी नहीं दे पाते.