☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

Ranchi LS Poll 2024 : रामटहल के कांग्रेस छोड़ने से किसे मिलेगा फायदा और किसका होगा नुकसान

Ranchi LS Poll 2024 : रामटहल के कांग्रेस छोड़ने से किसे मिलेगा फायदा और किसका होगा नुकसान

रांची (RANCHI) : चुनाव आते ही हर कोई नेता टिकट पाने की होड़ में लगे रहते हैं. इसके लिए पाला बदलने से भी नेता नहीं चुकते हैं. ऐसे में कई को टिकट मिल जाता है और कई ऐसे भी होते हैं जो रेस से बाहर हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही झारखंड में देखने को मिला है. रांची लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रह चुके दिग्गज नेता रामटहल चौधरी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. एक महीना पहले 28 मार्च को दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में रामटहल चौधरी ने पार्टी की सदस्यता ली थी. उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी रांची लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनायेगी, लेकिन पार्टी ने सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया. जब कांग्रेस ने यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाया तभी से कयास लगाया जा रहा था कि रामटहल चौधरी कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं, जल्द ही कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. जिस बात का अंदेशा था वैसा ही हुआ. उन्होंने रांची लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे रहे पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. 

'आश्वासन के बाद भी कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट'

रामटहल चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि हम पार्टी का झंडा लेकर समर्थन करने नहीं आए थे. इसलिए कांग्रेस छोड़ने का निर्णय किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में शामिल कराने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी की गयी थी. हमसे बायोडाटा भी मांगा गया था. हमें आश्वासन दिया गया था कि रांची लोकसभा सीट से टिकट दिया जाएगा. इसके बाद उम्मीदवार की घोषणा के लिए भी लंबा समय लिया. जब टिकट की घोषणा हुई तो वो सबसे सामने है. उन्होंने फिलहाल निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने से इनकार किया है. करीबियों से विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति तय करने की बात कही है. 

रामटहल चौधरी के इस्तीफे से किसे मिलेगा फायदा

कांग्रेस पार्टी से रामटहल चौधरी के इस्तीफे से किसे फायदा मिलेगा और किसका नुकसान होगा ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन पिछले चुनाव की बात करेंगे तो इससे स्थिति पूरी तरह स्पष्ट दिख जाती है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पांच बार के सांसद रामटहल चौधरी का टिकट काटकर संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया था. जिससे क्षुब्ध होकर रामटहल चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया. उस चुनाव में रामटहल चौधरी तीसरे स्थान पर थे. उन्हें करीब 2.4 प्रतिशत वोट मिले, यानि 29,597 लोगों ने उनके पक्ष में मतदान किये. वहीं 34.3 प्रतिशत वोट पाकर कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय दूसरे स्थान पर थे. जबकि भाजपा के संजय सेठ 57.21 वोट पाकर पहली बार सांसद चुने गए. उस समय रामटहल चौधरी को ऐसा लगा था कि वह निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत जाएंगे. क्योंकि वे कुर्मी सामाज के बड़े नेता हैं और उनके पक्ष में कुर्मी मतदाता वोट डालेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. इस बार उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी उन्हें रांची लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनायेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. यही वजह है कि रामटहल चौधरी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय नहीं ले पाए.

रांची लोकसभा क्षेत्र में 17 प्रतिशत कुर्मी वोटर

रांची संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां 17 प्रतिशत कुर्मी वोटर हैं. जो किसी भी पार्टी के उम्मीदवार की जीत और हार में अहम भूमिका निभाता है. हालांकि रांची लोकसभा क्षेत्र में जातीय वोट बैंक को लेकर हर चुनाव में समीकरण बदलता है. यहां जातीय फैक्टर के बजाय राष्ट्रीय राजनीति की विचारधारा पर हर बार वोटरों का मूड बदलता रहा है. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र की 15 गैर जनजातीय आबादी में कुड़मी मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं. इस क्षेत्र में शुरू से कुर्मी, आदिवासी और दलितों की संख्या ज्यादा रही है. यहां चुनाव जीतने वाले नेता मुस्लिम, पारसी, बंगाली, साहू और कायस्थ रहे हैं.

कुर्मी को साधने में जुटी पार्टियां

रांची संसदीय सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीट आता है जो दो जिलों में फैला है. इसमें रांची जिले में पांच सीट है जिसमें कांके, सिल्ली, खिजरी, हटिया और रांची शामिल है. जबकि एक विधानसभा सीट ईचागढ़ है जो सरायकेला खरसावां जिले में पड़ता है. छह विधानसभा सीटों में तीन पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि एक सीट कांग्रेस, एक सीट जेएमएम और एक सीट आजसू के पास है. इन सभी सीटों पर कुर्मी, आदिवासी और दलित वोटर्स की संख्या ज्यादा है. अगर कोई भी पार्टी कुर्मी का समर्थन किया तो आदिवासी और दलित वोटर्स खिसक जायेगा. अब देखना होगा कि कैसे आने वाले लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटर्स को अपने पाले में करने के लिए विभिन्न पार्टियां रणनीति अपनाती है. 

Published at:28 Apr 2024 12:42 PM (IST)
Tags:Ranchi LS Poll 2024LS Poll 2024 in Ranchi Ramtahal Choudhary former MP Ramtahal Choudhary resigns from Congress partyCongress partyJharkhand Congress CongressBJPJharkhand BJPJharkhand Sanjay Sethjharkhand news ranchi news Ranchi Lok Sabha loksabha election 2024 Ranchi Lok Sabha seat jharkhand political news jharkhand politics Kurmi caste Kurmi vote in loksabha electionSubodhkant Sahay Yashaswini SahayCongress Candidate Yashaswini Sahay in Ranchi Lok Sabha Seat
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.