रामगढ़(RAMGARH):- विमेन डॉक्टर्स विंग और स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार द्वारा रामगढ़ सदर अस्पताल में 16 दिसंबर को “स्तन और सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन शिविर” का आयोजन किया गया. इस मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम की प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि रेखा बोरा की टीम द्वारा शिविर में आने वाले सभी महिला मरीजों की जांच की गई और इसके साथ ही झारखण्ड की 50 सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को स्तन और सर्वाइकल प्री-कैंसर की अत्याधुनिक मशीनों से जांच और उपचार का प्रशिक्षण भी दिया गया. रामगढ़ में सैया और आंगनबाड़ी सेविकाओं के नेटवर्क के द्वारा दूरदराज के इलाकों से स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के द्वारा 572 ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया गया, जिनको सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के संदेहास्पद लक्षण है. जननांग संबंधी सूजन वाली महिलाओं को कैंप स्थल पर मुफ्त दवा दी गई, आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की दवा भी कैंप में आई हर महिला को दी गई.
हर साल 67 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से तोड़ देती हैं दम
देश में हर साल 67 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से दम तोड़ देती हैं. सर्वाइकल कैंसर भारत में फैले सभी प्रकार के कैंसर में दूसरे सबसे आम नंबर का कैंसर है. कैंसर का यह प्रकार सबसे अधिक प्रेवेंटेबल और सफलतापूर्वक ठीक किए जाने वाला कैंसर है. झारखंड में महिलाओं को होने वाली स्तन और सर्वाइकल कैंसर बीमारी के उन्मूलन को लेकर एक विशेष प्लान तैयार किया गया है. वीमेन डॉक्टर्स विंग झारखण्ड सरकार के साथ मिलकर राज्य में ब्रेस्ट कैंसर उन्मूलन अभियान चला रही हैं.
2021 में शुरू किया गया अभियान
2021 में स्वास्थ्य विभाग झारखण्ड सरकार और डॉ भारती कश्यप के नेतृत्व में विमेन डॉक्टर्स की टीम ने देश के शीर्ष कैंसर स्त्री रोग विशषज्ञों के साथ लम्बे विचार-विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि डब्लूएचओ की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति 90-70-90 के तीसरे भाग को लेकर हम चलें और इसे संशोधित कर झारखण्ड में लागू करें, तो झारखण्ड जैसे कम रिसोर्स वाले राज्य में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन में काफी सफलता मिल सकती है. फिर सीमित संसाधन वाले राज्य के लिए बनाए गए इस झारखंड मॉडल को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया. 2021 में तत्कालीन अभियान निदेशक के द्वारा इस निर्णय को सभी सिविल सर्जनों को अमल के लिए प्रेषित किया गया था. राज्य में हर जिले में प्रजनन क्षमता वाली 6% महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई, जिन्हें जननांग संबंधी सूजन के संभावित लक्षण हैं या जो हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस आशय के पत्र के अलावा एक और पत्र प्रेषित किया गया, जिसमें सभी सरकारी अस्पतालों में महीने के प्रथम सप्ताह में प्रसव के पूर्व आने वाली महिलाएं और प्रसव के बाद आने वाली महिलाओं, साथ ही उनकी सहयोगी महिलाओं, अगर उन्हें कोई लक्षण है या वो हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं, की भी सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग अनिवार्य की गई.
इस पहल के बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आए. वीमेन डॉक्टर्स विंग, आईएमए तथा राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए वित्तीय वर्ष 2021-2022 में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक के लिए 2,70,678 (दो लाख सत्तर हजार छः सौ अठहत्तर) का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. निर्धारित लक्ष्य में से कुल 1,26,976 (एक लाख छब्बीस हजार नौ सौ छिहत्तर) लक्ष्य की प्राप्ति हुई.
पिछले 8 वर्षों से डॉ भारती कश्यप सर्वाइकल कैंसर मुक्त झारखंड के लिए प्रयासरत
डॉ भारती कश्यप ने बताया कि 2014 में वूमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए की चेयरपर्सन बनने के बाद से ही उन्होंने पूरे राज्य के दूर-दराज के इलाकों में मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर लगाना शुरू कर दिया, जिसमे शिविर में आई सभी महिलाओं की सर्वाइकल प्री-कैंसर की स्क्रीनिंग की गई और सर्वाइकल प्री-कैंसर से गर्सित सभी महिलाओं की कोलपोस्कोपी गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट कर उन्हें ठीक किया गया. सभी शिविरों में जननांग संबंधी सूजन को खत्म करने के लिए किट 2 और किट 6 गोलियों के अलावा आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी जरूरतमंद महिलाओं को वितरित की गई.
पिछले 8 सालों में आयोजित सभी मेगा महिला स्वास्थ्य शिविरों में राज्य के दूरदराज के क्षेत्र में पदस्थापित सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को दिल्ली और कोलकाता से बुलाए गए कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा सर्वाइकल प्री-कैंसर की पहचान और कोलपोस्कोपी गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट का प्रशिक्षण दिया गया है. इस तरह विशेष रुप से प्रशिक्षित सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम राज्य में तैयार करने में विमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए की बड़ी भूमिका रही है.
महिलाओं में होने वाले कैंसर के आंकड़े क्या बताते है
- ब्रेस्ट कैंसर
शहरी महिलाओं में यह कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है. ग्रामीण महिलाओं में यह दूसरा सामान्य तौर पर पाया जाने वाला कैंसर है. आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं. यह स्तन में असामान्य रूप से कोशिकाओं के परिवर्तन और वृद्धि होने से होता है, यही कोशिकाएं मिलकर ट्यूमर बनाती हैं.
लक्षण- दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना. कोई गांठ, अग्रभाग का धंसा हुआ होना, आकार में बदलाव होना.
- सर्वाइकल कैंसर
इंडियन काउंसिल फॉर सर्वाइकल रिसर्च के मुताबिक़ सर्वाइकल कैंसर से भारत में वर्ष 2015 के दौरान क़रीब 63 हजार महिलाओं की मृत्यु हुई थी. यह ह्यूमन पैपिलोमा नामक वायरस से होता है जो यौन संबंध से फैलता है. यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है, जो गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है. यहां से यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है.
लक्षण- रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव होना, सामान्य से अधिक रक्तस्राव, असामान्य डिस्चार्ज चेतावनी के संकेत हैं.
भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर का 44.2% ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर का है. भारत में प्रति घंटे 7 महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से तथा ब्रेस्ट कैंसर से 10 महिलाओं की मृत्यु होती है. सर्वाइकल कैंसर एक प्रीवेंटेबल कैन्सर है और शुरुआती दौर पर इसका पता लगने पर पूरी तरह से इलाज संभव है.
हयूमन पेपिलोम वायरस (एच०पी०वी०) द्वारा संक्रमण के खतरे के कारण
- 18 वर्ष के कम आयु के पूर्व संभोग करना .
- एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध .
- योन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास .
- कई गर्भधारण
- बिना डॉक्टर की सलह के गर्भनिरोधक गोलियों को लम्बे समय तक प्रयोग .
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली .
- धूम्रपान / तम्बाकू को सेवन .
चिन्ह तथा लक्ष्ण
- संभोग के दौरान रक्तस्त्राव होना .
- दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्त्राव होना .
- महिलाओं में रजोनिवृत्ति के उपरांत रक्तस्त्राव होना .
- योनि से बदबूदार स्त्राव .
जरूर करें
- यदि आप ऊपर दिये गये किसी भी लक्षण को अनुभव करें तो शीघ्र ही डॉक्टर से सलाह लें.
- सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिया महिलाओं तथा प्रौढ़ महिलाओं को नियमित रूप से वी०आई०ए० (विजुअल इंस्पैक्शन विद एसेटिक एसिड) या पैप स्मियर टैस्ट के द्वारा जाँच करानी चाहिए. सही जननांग स्वच्छता बनाएं रखें.
- किशोरावस्था और प्रारंम्भिक युवा अवस्था में यौन संबंध रखने से बचें. • एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध न रखें.
- यौन प्रसारित बीमारियों से स्वयं को बचाएं.
- किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का प्रयोग न करें.
- 9 से 25 वर्ष के आयु में एच०पी०बी० टीकाकरण करवा कर स्वयं को बचाए .
- अधिक सुरक्षा के लिए टीकाकरण किशोर अवस्था में यौन सक्रिया होने से पूर्व कराएं.
- याद रखें कि टीकाकरण के पश्चात भी नियमित रूप से जाँच अवश्य कराएं.