रांची (RANCHI): एक कहावत है 'चट मंगनी, पट ब्याह' ऐसा ही कुछ हुआ रामटहल चौधरी के साथ. भाजपा नेताओं को जब लगा कि रामटहल चौधरी को पार्टी में लाया जा सकता है. उनकी घर वापसी कराई जा सकती है. थोड़ा रामटहल चौधरी के आसपास के लोगों का मन टटोला गया. फिर यह संकेत मिल गया कि रामटहल चौधरी भी घूम फिर के भाजपा में ही लौटना चाहते हैं.बस थोड़ा सम्मान चाहिए था.भाजपा नेताओं ने फटाफट सम्मान दिया, मुलाकात की और उन्हें घर में वापस ले आए.
जानिए रामटहल की घर वापसी का कैसे बना रास्ता
चार बार के सांसद रह चुके रामटहल चौधरी ने 2019 में पार्टी छोड़ दिया था. संजय सेठ को टिकट मिलने के कारण उन्हें बेहद नाराजगी थी. उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन साढ़े उनतीस हजार वोट ही ला पाए. 2024 के चुनावी मौसम में उन्होंने फिर प्रयास किया कि किसी राष्ट्रीय दल से टिकट मिल जाए और फिर से एक बार सांसद बनने का प्रयास किया जाए. लेकिन शायद किस्मत में यह नहीं था. कांग्रेस में शामिल हुए बहुत उम्मीद पाल रखा था कि रांची लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उन्हें प्रत्याशी बनाया लेकिन उन्हें झटका लग गया. कांग्रेस ने सुबोध कांत सहाय की सुपुत्री यशस्विनी सहाय को टिकट दे दिया था.फिर रामटहल चौधरी को भी लगा कि उनका भविष्य क्या होगा ऐसे में भाजपा के नेताओं ने उन्हें मनाने का प्रयास किया सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग उनके ओरमांझी स्थित आवास पहुंचे और सांसद संजय सेठ और आदित्य साहू की मौजूदगी में उन्हें भाजपा का पट्टा पहनकर पार्टी में एक बार फिर शामिल कराया. रविवार को झारखंड बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई भी रामटहल चौधरी से मिलकर पूरा दृश्य स्पष्ट कर लिए थे.भाजपा नेताओं में यह व्यग्रता देखी गई कि किसी तरह से रामटहल चौधरी को पार्टी में वापस ले आया जाए. सांसद संजय सेठ के भी चेहरे खिले हुए थे.आदित्य साहू के चेहरे पर भी संतोष दिख रहा था.