धनबाद(DHANBAD): राजविंदर सिंह भट्टी बिहार के नए डीजीपी बनाए गए हैं. 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी फिलहाल सीमा सुरक्षा बल में अपर महानिदेशक के पद पर तैनात हैं. सितंबर 2025 तक राजेंद्र सिंह भट्टी बिहार के डीजीपी रहेंगे. उन्हें डीजीपी बनाने के पीछे निश्चित रूप से बिहार में बढ़ रहे अपराध रोकना मकसद हो सकता है. वह कड़क मिजाज अधिकारी माने जाते हैं. झारखंड के बोकारो में भी वह एसपी रह चुके हैं. बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी सहित बाहुबली अनंत नाथ सिंह के बड़े भाई स्वर्गीय दिलीप सिंह के खिलाफ कार्रवाई कर चर्चा में आए थे. बिहार के बाहुबलियों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संबंध झारखंड के अपराध से भी होता है. झारखंड के जेलों में बिहार के कई बाहुबली बंद है. यह बाहुबली जेल से ही अपहरण और रंगदारी का उद्योग चलाते हैं. राजविंदर सिंह भट्टी के कार्यभार संभालने के साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो बाहुबली इलाका छोड़ देंगे या फिर उन पर कानून का शिकंजा कस दिया जाएगा. इसका असर झारखंड पर भी पड़ सकता है. झारखंड में अपराध करने वाले बिहार में पनाह लेते हैं. बिहार से अलग होकर झारखंड तो बन गया, अधिकारी भी बदल गए लेकिन झारखंड और बिहार के पुलिस अधिकारी बिहार और झारखंड के अपराधियों के गठजोड़ को अभी तक तोड़ नहीं पाए हैं. नतीजा है कि बिहार में बैठे अपराधी झारखंड में अपराध कराते हैं और झारखंड के अपराधी बिहार के अपराध से जुड़े होते हैं. झारखंड के जेलों से लगातार गैंग चलाने की बात सामने आती रही है. जब इनका आतंक बढ़ता है तो दूसरे जिलों में शिफ्ट कर दिया जाता है, बावजूद उनका आतंक चलता रहता है. लेकिन बिहार के नए डीजीपी के आने के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि अपराधियों का मनोबल टूटेगा और पुलिस का शिकंजा कसेगा. बिहार में ढीली ढाली पुलिस व्यवस्था अब नहीं चलेगी. लोग बताते हैं कि राजनीतिक दबाव में वह काम करना नहीं चाहते. देखना है कि डीजीपी के पद पर चयन का क्या असर बिहार पर पड़ता है, क्योंकि बिहार में भी गठबंधन की सरकार चल रही है. आने वाला वक्त ही बताएगा कि राजविंदर सिंह भट्टी के डीजीपी बनाने के निर्णय का क्या असर बिहार और झारखंड के अपराध पर पड़ता है. अभी बिहार में शराबबंदी है लेकिन झारखंड सहित अन्य प्रदेशों से शराब बिहार पहुंचाई जा रही है. नतीजा हो रहा है कि लगातार शराब पीकर मरने की घटनाएं बिहार में हो रही है, इसे रोकना भी नए डीजीपी के लिए बड़ी चुनौती होगी.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद