धनबाद(DHANBAD): धनबाद कोयलांचल के बेताज बादशाह रहे सूर्यदेव सिंह के बड़े बेटे राजीव रंजन सिंह को धनबाद कोर्ट ने सोमवार को मृत घोषित कर दिया. राजीव रंजन सिंह के छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया. यह जानकारी अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने मीडिया को दी है. कोर्ट ने एलआईसी को राजीव रंजन सिंह के नाम से जमा 15 लाख रुपए को तत्काल रिलीज करने का भी आदेश दिया है.
पूरा मामला
सिद्धार्थ गौतम ने 2022 में ओरिजिनल सूट दाखिल किया था. ओरिजिनल सूट में सिद्धार्थ गौतम ने बड़े भाई राजीव रंजन सिंह को कानूनन मृत घोषित करने तथा उनके नाम पर किए गए एलआईसी के ₹15 लाख की पॉलिसी को रिलीज करने की प्रार्थना अदालत से की थी. राजीव रंजन सिंह 2003 से ही लापता है. बहुचर्चित कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह हत्याकांड के बाद से ही राजीव रंजन सिंह लापता थे. घटना के बाद वह अकेले सिंह मेंशन से निकले, उसके बाद फिर वापस लौट कर नहीं आए. उस समय राजीव रंजन सिंह की मां कुंती देवी झरिया से विधायक थी. उन्होंने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया था. DGP को लिखित आवेदन दिया था. डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद सराय ढेला थाने में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था. लेकिन राजीव रंजन सिंह का कुछ पता नहीं चला. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 में इस बात का प्रावधान है कि यदि 7 वर्षों तक कोई गायब रहता है तो उसे कानूनी रूप से मृत घोषित किया जा सकता है .कोर्ट में गवाही के दौरान इस बात के साक्ष्य आए कि वर्ष 2003 के बाद राजीव रंजन सिंह को न तो किसी ने जीवित देखा और न हीं उनके परिवार वालों ने राजीव रंजन सिंह के बारे में कुछ सुना. अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर राजीव रंजन सिंह को मृत घोषित कर दिया.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो