राँची (RANCHI) : झारखंड में ओबीसी आरक्षण,1932 खतियान और मॉब लीनचिंग के विधेयक को लेकर राजभवन और सरकार के बीच एक बार फिर से दूरी बढ़ती दिख रही है. तीनों विधयेक को लेकर समन्वय समिति के सदस्य राज्यपाल से मिलने पहुंचे .हालांकि उन्हे राजभवन में इंट्री नहीं मिली. समन्वय समिति के लोगों ने राजभवन में मौजूद सुरक्षा कर्मी को ज्ञापन देकर बैरंग वापस लौट गए. राजभवन में इंट्री नहीं मिलने पर राज्यपाल पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
इस मामले में मनोज पांडे ने कहा कि राज्यपाल खेत खलियान घूम कर समस्या सुन रहे है. लेकिन झारखंड गठन के बाद जिस चीज की मांग सबसे ज्यादा है उस पर जब सरकार की ओर से बात करने की कोशिश की जा रही है. तो हमें मिलने का समय नहीं दिया गया. हमलोगों ने एक सप्ताह पहले ही मिलने के लिए पत्र दिया था. लेकिन किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिला. इससे साफ है कि राजभवन काम कैसे कर रहा है.
झारखंड के राज्यपाल कर रहे राजनीति
समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में जनता के बीच राज्यपाल क्या मैसेज देने की कोशिश कर रहे है. भाजपा के लोग जब मन करता है , राज्यपाल से मुलाकात कर एजेंडा सेट कर रहे है. समन्वय समिति के लोगों को समय नहीं मिलना यह साफ दर्शाता है कि राज्यपाल राजनीति कर रहे है. हम फिर समय की मांग करेंगे जनता के मुद्दों को लेकर जितना करना होगा करने से पीछे नहीं हटेंगे.
रिपोर्ट. समीर हुसैन