धनबाद(DHANBAD): रेल मंत्री जी -क्या ट्रेनों में संचालित पैंट्रीकार पर माफिया का कब्ज़ा हो गया है? क्या पूरे इंतजाम माफिया के इशारे पर चलते है. ? क्यों धनबाद की एक घटना के पहले रेलवे को नहीं मालूम था कि उसकी नाक के नीचे क्या हो रहा है ?क्या अब भी रेलवे सख्त होगा ? यह सब सवाल धनबाद की घटना के बाद उठने शुरू हो गए है. धनबाद की घटना ने तो रेलवे की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. इस घटना से रेलवे बोर्ड तक निशाने पर आ गया है. स्पष्ट हो गया है कि रेलवे के पैंट्रीकार में माफिया का कब्जा हो गया है. यह अपने अनुसार पैंट्रीकार को चलाते है. रेलवे के कायदे -कानून इनके ठेंगे पर होते है. जो भी इन माफिया से टकराने की कोशिश करता है, उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया जाता है.
धनबाद- फिरोजपुर गंगा सतलज एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में हुआ खुलासा
धनबाद- फिरोजपुर गंगा सतलज एक्सप्रेस के पेंट्रीकार के खुलासे ने इस बात को साबित कर दिया है. सूचना के अनुसार पेंट्रीकार में रेलवे से गैर सूचीबद्ध पानी की बोतले चढ़ाने की जांच के लिए जब आईआरसीटीसी के अधिकारी पहुंचे , तो उन पर धनबाद रेलवे स्टेशन पर सोमवार को जानलेवा हमला किया गया. सोमवार की रात 9 :45 बजे धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर खड़ी गंगा सतलज के पेंट्रीकार में जमकर उत्पात मचाया गया. आईआरसीटीसी के अधिकारियों को पीट कर घायल कर दिया गया.
एक अधिकारी के सिर पर 9 तो दूसरे के माथे पर छह टाँके लगे है
एक अधिकारी के सिर पर 9 तो दूसरे के माथे पर छह टाँके लगे है. दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. यह अलग बात है कि पीटने वालों की पहचान हो गई है और उनके खिलाफ रेल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उनके खिलाफ जानलेवा हमला करने, सरकारी काम में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों में मुकदमे दर्ज किए गए है. अब तक की जांच में खुलासा हुआ है किअवैध रूप से गंगा सतलज एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में कच्चा राशन और गैर सूचीबद्ध पानी की सप्लाई माफिया कर रहा था. इस पानी को पेंट्रीकार के लोग ट्रेन में ऊंची कीमत पर बेचते थे. जबकि माफिया द्वारा आपूर्ति किए गए राशन से नाश्ता , खाना तैयार किया जाता था. इसी की शिकायत पर अधिकारी जांच को पहुंचे थे. तो उनके साथ मारपीट हुई. घटना को रेलवे बोर्ड और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने भी गंभीरता से लिया है.
बुधवार को अधिकारियों की टीम जांच को पहुचेंगी धनबाद
बुधवार को अधिकारियों की एक भारी भरकम फौज धनबाद पहुंच सकती है. मामले की गंभीरता से यह टीम जांच करेगी. लेकिन सवाल उठता है कि देश में प्रतिदिन लगभग 13,452 यात्री ट्रेन चलती है. जो करीब 7,325 स्टेशनों को कवर करती है. इन यात्री ट्रेनों से रोजाना 2.40 करोड़ यात्री सफर करते है. ट्रेनों की इस संख्या में मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर सभी तरह की ट्रेनें शामिल है. तो क्या जिन जिन ट्रेनों में पैंट्रीकार की व्यवस्था है, वहां इसी तरह माफिया का कब्जा है? क्या रेलवे केवल नियम बनाकर चुप बैठ जाता है? क्या नियम का पालन होता है अथवा नहीं, इसकी रेलवे जांच करता है? अगर रेलवे जांच करता है तो पैंट्रीकार में माफिया का मनोबल इतना क्यों बढ़ा हुआ है? जो जांच करने आए अधिकारियों तक को पीट देते है. यह रेल की व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो