धनबाद(DHANBAD): धनबाद रेल डिवीजन में पड़ने वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि देख लीजिए! धनबाद मंडल के साथ रेलवे कैसा सौतेला व्यवहार कर रहा है. धनबाद के सांसद भी देख लें, गिरिडीह के सांसद भी नोटिस करें, रांची के सांसद भी देख लीजिए, पलामू के सांसद भी जरूर देखें, हजारीबाग के सांसद भी देख लीजिये. कैसे धनबाद से चलने वाली कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन को बंद कर बिहार ले जाया गया है, जबकि आपके संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाला धनबाद रेल मंडल कमाई में देश का सिरमौर है. फिर भी धनबाद को सुविधा के नाम पर छला जाता रहा है. बता दें कि भारतीय रेल का सबसे अधिक "कमाऊ पूत" के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार करने का मामला सामने आया है. धनबाद कमा कर देता है, लेकिन रेलवे दूसरे स्टेशनों से सुविधा प्रदान करता है.
धनबाद से चल रही कोयंबटूर स्पेशल को बिहार ले जाया गया
धनबाद से चल रही कोयंबटूर के लिए स्पेशल ट्रेन को बंद कर गया(बिहार) से कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है. रेलवे के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. इस फैसले को धनबाद का रेलवे के साथ सौतेला व्यवहार के रूप में देखा जा रहा है. रेलवे ने 7 सितंबर से 1 जनवरी तक धनबाद से गया होकर कोयंबटूर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की थी. वापसी में 7 सितंबर से 4 जनवरी तक कोयंबटूर से ट्रेन को चलाने का ऐलान किया गया था. नए साल में रेलवे ने इस विशेष ट्रेन को बंद कर दिया. अब रेलवे ने गया से कोयंबटूर के बीच इसी रूट पर 4 जनवरी से हर शनिवार को गया से और 7 जनवरी से कोयंबटूर से हर मंगलवार को इस ट्रेन को चलाने की घोषणा कर दी है.
रांची होकर भी कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन को किया गया बंद
इस ट्रेन को अगले आदेश तक चलाने की घोषणा की गई है. यानी जब तक रेलवे ट्रेन को बंद करने का निर्णय नहीं लेगा, तब तक ट्रेन चलती रहेगी. बात इतनी ही नहीं है, धनबाद से रांची होकर भी कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन चल रही थी. दिसंबर के बाद इस ट्रेन को भी समय विस्तार नहीं दिया गया. हर दिन बुकिंग फुल रहने के बावजूद एक साथ धनबाद स्टेशन से दोनों कोयंबटूर स्पेशल ट्रेनों को रेलवे ने बंद कर दिया. दक्षिण भारत के साथ-साथ देश के कई राज्यों से धनबाद को जोड़ने वाली ट्रेन बंद होने के बावजूद जन प्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए है. धनबाद के लोग कोयंबटूर स्पेशल को नियमित ट्रेन बनने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अब तो ट्रेन ही बिहार के खाते में चली गई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो