रांची(RANCHI): झारखंड शुरू से उग्रवाद की चपेट में रहा है. नक्सली समय समय पर यहां बड़ी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं. उग्रवादियों की धमक से झारखंड के ग्रामीण इलाकों में विकास की किरण नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन अब झारखंड उग्रवाद मुक्त होने की ओर अग्रसर है. लगातार झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में सुरक्षा बलों को सफलता मिली है. बूढ़ा पहाड़ हो या पेशरार जंगल दोनों जगह उग्रवादियों का गढ़ माना जाता था. लेकिन अब यह दोनों इलाका नक्सल मुक्त हो गया. अब सुरक्षा बलों के द्वारा उग्रवाद प्रभावित इलाकों में जन कल्याण केंद्र खोल कर सरकारी योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है.
बूढ़ा पहाड़ इलाका शुरू से नक्सल प्रभावित रहा है. यह क्षेत्र नक्सलियों के लिए सबसे सेफ माना जाता था. बूढ़ा पहाड़ में ही सभी नक्सली शीर्ष नेता रहते थे, झारखंड में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए बूढ़ा पहाड़ में ही नक्सलियों को प्रशिक्षण दिया जाता था. जब नक्सली वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से परिपक्व हो जाते तब उन्हें घटना को अंजाम देने के लिए भेजा जाता था. बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों के कई कैम्प थे. झारखंड और छत्तीसगढ़ इलाके के बीचों बीच पहाड़ पर कई कैम्प बनाया गया था. यहाँ सुरक्षा बलों का पहुंचना मुश्किल था. लेकिन आक्टोपस ऑपरेशन के जरिए नक्सलियों का खात्मा सुरक्षा बालों ने पिछले वर्ष किया. अब बूढ़ा पहाड़ में सुरक्षा बालों का कैम्प है. यह इलाके में विकास की किरण अब तक नहीं पहुंची थी. अब बूढ़ा पहाड़ के गांव में झारखंड पुलिस,CRPF और जागुआर के द्वारा गांव में जन कल्याण केंद्र की शुरुआत की गई.
वहीं गिरीडीह जिले के पर्वतपुर CRPF कैम्प में जन कल्याण केंद्र की शुरुआत की गई. जनकल्याण केंद्र का शुभारंभ उपायुक्त,सीईओ CRPF गिरिडीह एसपी और जिला प्रशासन ने किया है. कैम्प में लोगों को सभी सरकारी योजना से जोड़ा जा रहा है. कैम्प में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच कर योजना का लाभ ले रहे हैं. योजनाओं के साथ साथ मेडिकल कैम्प का भी आयोजन किया गया है. कैम्प में डॉक्टर के द्वारा जांच कर दवाई मुफ़्त दी जा रही है.
जन कल्याण केंद्र खुलने से ग्रामीणों में खुशी है. जिन्हें कभी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था,अब हसी खुशी कैम्प में जाकर योजना का लाभ ले रहे हैं. जन कल्याण केंद्र में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र,मानरेगा के तहत काम का आवेदन,विवाह पंजीकरण, 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के तहत योजनाओं की मांग,सभी सरकारी योजनाओं का लाभ,डॉक्टर के द्वारा चिकित्सा सहायता,निशुल्क एम्बुलेंस सेवा,चरित्र सत्यापन,शिकायतों का निवारण किया जा रहा है.