गुमला (Gumla):- मणिपुर में आदिवासी बेटियों के साथ हुए जुल्म की इंतहा से हर कोई हैरान है. देशभर में इसका विरोध किया जा रहा है. झारखंड के गुमला जिला के कामडारा एवं बसिया प्रखंड में अंतर कलीसिया आदिवासी इसाई समुदाय के लोग इस अत्याचार के खिलाफ काला पट्टा लगा कर विरोध जताया . इन लोगों ने हाथों में तख्ती लिए शांति विरोध मार्च का प्रदर्शन भी किया. बाकुटोली मोड़ से, पोकला गेट से कोडेकेरा होते हुए कामडारा स्टेडियम में सभा के रूप में सभी आदिवासी भाई बहनों ने विरोध मार्च निकाला .
आदिवासी महिलाओं के साथ गलत हुआ
इस विरोध मार्च में शामिल वक्तों ने कहा कि, मणिपुर में भीड़ के द्वारा आदिवासी महिलाओं को नंगा कर अश्लील दुर्व्यवहार करना बहुत ही शर्म की बात है . मणिपुर भाजपा की सरकार शासन चलाने में नाकाम साबित हुई है. पिछले करीब तीन महीने से मणिपुर जल रहा है. निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है , आदिवासियों के साथ जुल्म हो रहा है. जो वहां की भाजपा सरकार रोक नहीं पा रही है. इस मसले को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप है, इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह भी इस दंगे को शांत करने में विफल रहे हैं. भाजपा के षड्यंत्र का परिणाम है कि वहां के आदिवासी लोगों को डरा धमका कर शांत करना चाहते हैं . वहां के लोगों के अधिकारों से वंचित रखने की ख्वाहिश रखते हैं. भाजपा शासन में आदिवासियों को प्रताड़ित करने एवं अपमानित करने की चरम सीमा भी लांघ गई है.
भाजपा शासन का विरोध
विरोध में शामिल लोगों ने मणिपुर की भाजपा सरकार का जोरदार विरोध किया . उनका कहना था कि जहां-जहां भाजपा की सरकार हैं वहां पर आदिवासियों का शोषण और अत्याचार किया जा रहा है इस पर ना प्रधानमंत्री ना ही गृह मंत्री और ना भाजपा के नेता कार्यकर्ता कुछ बोलने को तैयार नहीं है. जो ये जाहिर करता है कि ये लोग आदिवासियों के हितेषी नहीं हैं. इस विरोध मार्च में चैतु उरॉव, अजित गुड़िया,रोशन बरवा, फादर एंथोनी सोए, फादर प्रमोद तिग्गा, फादर जोसेफ, अंतुनी सोय, सुनीता तोपनो, विलियम,बिमल तोपनो, अजीत क्रेरकेटा, सिस्टर मरिया, सिस्टर सरिता खलखो, सिस्टर ज्योति, सुषमा आईदं, देवनीश तोपनो, सुरसेन सोरेंग, रजनी , हांबिल सोरेगं, अगेपीत होरो,सुगर तोपनो, फलोरा केरकेट्टा,पतरस होरो,पालुश होरो, बिपिन और काफी संख्या में अंतर कलीसिया ईसाई समुदाय के लोग मौजद रहे.
रिपोर्ट- सुशील सिंह